November 21, 2025
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गोरखपुर की ऐतिहासिक उपलब्धि: नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल की दूरदृष्टि और नेतृत्व ने दिलाया राष्ट्रीय सम्मान

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 जल संचय जन भागीदारी अभियान में शानदार कार्यों के लिए

राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान और उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान

NEWS1UP

भूमेश शर्मा

नई दिल्ली/गोरखपुर। नई दिल्ली में आयोजित 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार वितरण समारोह में गोरखपुर नगर निगम को जब राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के कर–कमलों से सम्मान मिला, तो यह सिर्फ एक पुरस्कार नहीं था, यह गोरखपुर के सुनियोजित, वैज्ञानिक और सामुदायिक प्रयासों का राष्ट्रीय स्तर पर हुआ अभूतपूर्व सम्मान था। नगर निगम को मिला प्रशस्ति पत्र और 2 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि इस उपलब्धि को और भी उल्लेखनीय बनाती है।

इस सफलता के केंद्र में रहे नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल, जिनके नेतृत्व में शहर में जल संरक्षण के लिए एक विस्तृत, चरणबद्ध और नवाचार आधारित अभियान चलाया गया।

जल-सुरक्षा की नई सोच के वाहक

नगर आयुक्त ने सम्मान प्राप्त करने के बाद कहा-

“हमारा उद्देश्य गोरखपुर को जल-सुरक्षित और स्वच्छ शहर के मॉडल के रूप में स्थापित करना है। यह पुरस्कार पूरे शहर के नागरिकों और टीम नगर निगम की संयुक्त मेहनत का परिणाम है। इस मान्यता से हमारा उत्साह कई गुना बढ़ गया है।”

उनकी रणनीति केवल सरकारी कार्यों तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने जल संरक्षण को एक व्यापक जन-आंदोलन बनाने का लक्ष्य रखा, और वही इस उपलब्धि की असली कुंजी साबित हुई।

कौन-सी पहल बनीं गोरखपुर की पहचान ?

गौरव सिंह सोगरवाल की टीम ने शहर को जल-सुरक्षित बनाने के लिए कई स्तरों पर काम किया:

 वर्षा जल संचयन को जन-भागीदारी से जोड़ना

  • अलग-अलग वार्डों में वर्षा जल संरचना तैयार करना

  • नागरिकों, स्कूलों और सामाजिक संगठनों को जोड़कर इसे एक movement का रूप देना

 तालाबों और परंपरागत जल स्रोतों का पुनर्जीवन

  • पुराने तालाबों की सफाई और गहरीकरण

  • कुओं और जलाशयों का संरक्षण

  • नदियों और नालों में अवरोध हटाकर जल प्रवाह को पुनर्जीवित करना

 तकिया घाट पर नैचुरल वॉटर प्यूरीफिकेशन मॉडल

यह मॉडल पूरे प्रदेश ही नहीं, देश में भी सराहा गया, क्योंकि यह पर्यावरण-सम्मत तकनीक से प्रदूषित जल को स्वच्छ करने की एक सफल पहल है।

 वार्ड स्तर पर जागरूकता अभियान

  • पोस्टर अभियान

  • वॉकथॉन

  • स्कूलों में जल संरक्षण कार्यशालाएँ

  • नागरिकों की स्वयंसेवी भागीदारी

शहर की जनता बनी अभियान की असली शक्ति

नगर आयुक्त का मानना है कि-

“यदि नागरिक सक्रिय न होते, तो यह अभियान केवल सरकारी कागज़ों में ही सीमित रह जाता। तालाबों की सफाई से लेकर वर्षा जल संचयन तक, हर कदम पर गोरखपुर की जनता ने अभूतपूर्व सहयोग दिया।”

महापौर ने भी जताया गर्व

महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा-

“यह सम्मान हमारा नहीं, बल्कि पूरे गोरखपुर का है। हर कर्मचारी, अधिकारी और नागरिक को गर्व होना चाहिए कि उनके प्रयासों को राष्ट्रपति द्वारा सराहा गया है।”

सीएम योगी आदित्यनाथ ने दी बधाई

मुख्यमंत्री ने इस पहल को सतत विकास और तकनीकी नवाचार का उत्कृष्ट उदाहरण” बताते हुए नगर निगम और पूरी टीम को शुभकामनाएं दीं।

गोरखपुर बना राष्ट्रीय प्रेरणा मॉडल

गौरव सिंह सोगरवाल के नेतृत्व में गोरखपुर नगर निगम ने यह साबित कर दिया है कि  सही योजनाएँ, सही नियोजन और सबसे बढ़कर जनता की भागीदारी मिल जाए तो एक मध्यम शहर भी राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोच्च स्थान हासिल कर सकता है। गोरखपुर अब जल-सुरक्षा के क्षेत्र में देश के अन्य शहरों के लिए एक प्रेरक मॉडल बन चुका है।

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