बिहार में मंत्री बनते ही बढ़ जाता है ‘पैकेज’ और ‘पावर’: आखिर क्यों हर विधायक की धड़कनें तेज हो जाती हैं ?

NEWS1UP
विशेष संवाददाता
पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा बदलाव देखने को मिला है। नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है और उनके साथ नए मंत्रिमंडल में करीब 18-20 विधायकों को मंत्री बनाया गया है। जैसे ही कैबिनेट विस्तार की चर्चा होती है, हर विधायक की धड़कनें तेज हो जाती हैं। वजह साफ है, मंत्री बनते ही सत्ता, सुविधा और सैलरी, सब कुछ दोगुना हो जाता है।
तो आखिर बिहार में मंत्री बनने पर कितना वेतन मिलता है? किस तरह की सुविधाएं मिलती हैं ? और क्यों विधायक मंत्री बनने के लिए बेताब रहते हैं ? आइए समझते हैं-
बिहार में मंत्री बनने पर क्या मिलता है ?
65 हजार रुपये मूल वेतन
बिहार सरकार के हर मंत्री को हर महीने 65,000 रुपये का मूल वेतन दिया जाता है। लेकिन असल कहानी इसके बाद शुरू होती है, क्योंकि भत्ते इस वेतन को कई गुना बढ़ा देते हैं।
मंत्रियों को मिलने वाले भत्ते
क्षेत्रीय भत्ता- 70,000 रुपये महीना
मंत्री को अपने क्षेत्र और सरकारी कार्यों के लिए 70 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं।
दैनिक भत्ता- 3,500 रुपये प्रतिदिन
दिनभर के कामकाज, बैठकों और दौरों के लिए 3,500 रुपये दैनिक भत्ता मिलता है।
गेस्ट अलाउंस
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राज्य मंत्री: 29,500 रुपये महीना
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उप मंत्री: 29,000 रुपये महीना
आतिथ्य भत्ता: 20,000 रुपये महीना
मेहमानों, बैठकों और औपचारिक कार्यक्रमों का खर्च निकालने के लिए यह राशि दी जाती है।
ट्रैवलिंग भत्ता
सरकारी यात्रा पर मंत्री को किलोमीटर के हिसाब से TA मिलता है। हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर या विशेष ट्रेन की सुविधा भी उपलब्ध रहती है।
कुल पैकेज: करीब ढाई लाख रुपये महीना
सभी भत्तों और वेतन को जोड़ने पर एक मंत्री को लगभग ₹2.5 लाख प्रति माह का पैकेज मिलता है।
अप्रैल 2025 में 30% बढ़ा वेतन-भत्ता
अप्रैल 2025 में नीतीश कैबिनेट ने मंत्रियों का वेतन और भत्ता 30% बढ़ा दिया था।
पहले-
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मूल वेतन: 50,000
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क्षेत्रीय भत्ता: 55,000
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दैनिक भत्ता: 3,000 रुपये
था।
अब यह बढ़कर वर्तमान दरों पर लागू हो चुका है।
सैलरी से भी ज्यादा आकर्षक हैं ‘सुविधाएं’
पटना में सरकारी बंगला, बिजली-पानी बिल शून्य
मंत्री बनते ही पटना में बड़ा सरकारी बंगला, जिसमें बिजली और पानी का कोई बिल नहीं देना होता।
लग्जरी गाड़ियां और ड्राइवर
दो से तीन गाड़ियां ड्राइवर सहित उपलब्ध कराई जाती हैं।
Z-क्लास या उससे ऊपर की सुरक्षा
मंत्रियों को पर्याप्त सुरक्षा बल दिया जाता है।
सचिवालय में बड़ा दफ्तर
ओएसडी, पीए, स्टेनो और अन्य स्टाफ उपलब्ध कराया जाता है।
फोन, इंटरनेट, कार्यालय व्यय, सब फ्री
ये सारी सुविधाएं मंत्री (वेतन एवं भत्ते) अधिनियम 2006 के तहत दी जाती हैं।
तो यों बेताब रहते हैं विधायक मंत्री बनने के लिए

बिहार विधानसभा में 243 विधायक हैं, लेकिन मंत्री बन पाते हैं केवल 20–25। बाकी विधायकों को करीब 1.5 लाख रुपये महीना मिलता है, जबकि मंत्री बनते ही यह बढ़कर लगभग 2.5 लाख, साथ में बंगला, गाड़ियां, सुरक्षा और सरकारी रुतबा मिल जाता है।
यही कारण है कि हर विधायक की इच्छा होती है कि उसे मंत्री पद की जिम्मेदारी मिले, क्योंकि सत्ता + वेतन + सुविधाएं = मंत्री पद का ‘स्पेशल पैकेज’
