गाजियाबाद। राज नगर एक्सटेंशन स्थित ब्रेव हार्ट्स सोसायटी में महीनों से सड़क और आसपास के क्षेत्रों की सफाई न होने के कारण निवासियों का सब्र आखिरकार जवाब दे गया। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से बार-बार शिकायत, फोन कॉल, पोर्टल पर दर्ज शिकायतें और अधिकारियों से व्यक्तिगत अनुरोध, सब बेअसर रहने के बाद ए.ओ.ए. समिति ने वह कदम उठाया जो सामान्यतः किसी आवासीय सोसायटी की जिम्मेदारी नहीं होती।
सोसायटी की ए.ओ.ए. समिति ने आसपास की सड़कों की सफाई, कचरा हटाने और जमा धूल-मिट्टी को साफ करने में खुद ही मोर्चा संभाल लिया।
महीनों से नहीं हुई थी सफाई: धूल और कूड़े से बन गई थी “धुंध की दीवार”
स्थानीय निवासियों के अनुसार यहां लंबे समय से की सफाई व्यवस्था ठप पड़ी थी। कूड़ा उठाने वाली गाड़ियाँ नहीं आती थीं, सड़कों पर जमा मिट्टी और धूल लगातार वाहनों से उड़कर वातावरण को प्रदूषित कर रही थी। कई स्थानों पर कूड़े के ढेर छोटे-छोटे “कचरे के पहाड़” बन चुके थे।
टैक्स वसूली में निगम सबसे आगे, लेकिन जिम्मेदारी पर पल्ला झाड़ लेता है
समूचे राजनगर एक्सटेंशन की नगर निगम से भी भयंकर नाराजगी है। निवासियों का कहना है कि गाज़ियाबाद नगर निगम टैक्स वसूली के लिए हर संभव तरीका अपनाता है, नोटिस भेजता है, टीम भेजकर वसूली करता है, लेकिन जब साफ-सफाई जैसी उसकी मूल जिम्मेदारी की बात आती है, तो वह “बेशर्मी से पल्ला झाड़ लेता है।”
ए.ओ.ए. समिति ने कहा- अब इंतजार नहीं करेंगे, कार्रवाई खुद करेंगे
सोसायटी की एओए समिति ने बैठक कर निर्णय लिया कि अब सफाई व्यवस्था को लेकर और प्रतीक्षा नहीं की जाएगी। समिति ने खुद मजदूर बुलाकर रोड किनारे की धूल, मिट्टी की सफाई और कूड़ा हटवाने का कार्य शुरू कराया।
एओए अध्यक्ष लविश त्यागी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा-
लविश त्यागी
हम नियमित रूप से सभी प्रकार के टैक्स देते हैं, लाइसेंस और अन्य शुल्क भरते हैं। लेकिन बदले में हमें मिलता क्या है ? महीनों से सड़कें साफ नहीं हुईं। धूल इतनी बढ़ गई कि बच्चों और बुजुर्गों का निकलना मुश्किल हो गया।
त्यागी आगे कहते हैं, हमने जीडीए से अनगिनत बार अपील की, पर कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार मजबूर होकर AOA समिति ने खुद ही सफाई अभियान शुरू किया। करदाता होने के बावजूद जब सुविधा न मिले, तो कदम खुद उठाना पड़ता है।
वहीं दीपांशु मित्तल ने कहा-
“हमारा उद्देश्य किसी से संघर्ष नहीं, बल्कि हमारे आसपास का माहौल स्वच्छ रखना है। अगर जीडीए और निगम अपना काम नहीं करेंगे, तो हम अपने स्तर पर समाधान बनाएंगे, पर चुप नहीं बैठेंगे।”
स्वच्छता अभियान नहीं, मजबूरी है!
सोसायटी के निवासियों ने साफ कहा कि यह कोई सामूहिक ‘स्वच्छता अभियान’ नहीं, बल्कि मजबूरी में उठाया गया कदम है। कई निवासियों ने बताया कि बच्चों में एलर्जी और सांस से जुड़ी दिक्कतें बढ़ गई थीं, जबकि बुजुर्गों के लिए धूलभरी सड़कें गंभीर जोखिम बन चुकी थीं।
जीडीए और नगर निगम के रवैये पर सवाल
अब राजनगर एक्सटेंशन के रेसिडेंट्स जीडीए और निगम से सवाल कर रहे हैं कि-
जब टैक्स, हाउसिंग शुल्क और अन्य सभी करों का भुगतान हम नियमित कर रहे हैं, तो सुविधाएँ कहाँ हैं ? नगर निगम द्वारा लगातार की जाने वाली टैक्स वसूली के विपरीत, उनकी अपनी जिम्मेदारियों को लेकर इतनी लापरवाही गंभीर सवाल खड़े करती है।
ब्रेव हार्ट्स सोसायटी का यह कदम न सिर्फ जीडीए और नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि जब सरकारी व्यवस्था जवाब न दे, तो समाज स्वयं आगे बढ़कर बदलाव ला सकता है।