मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत में कई प्रस्ताव किए गए पारित

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मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में स्थित गुड मंडी कूकड़ा में भारतीय किसान यूनियन के द्वारा एक किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें सहारनपुर मंडल के साथ-साथ अन्य जनपदों के किसानों ने भी हिस्सा लिया। किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत, राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत, संयुक्त किसान मोर्चा के रमेंद्र सिंह पटियाला पंजाब, चौधरी युद्धवीर सिंह राष्ट्रीय महासचिव भारतीय किसान यूनियन, हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष रतनमान सिंह, बाबा श्याम सिंह बहावड़ी, शोकिन्दर सिंह बतीसा खाप सहित किसान नेताओं व खाप चौधरी ने पंचायत को संबोधित किया।
सभी वक्ताओं ने सरकार की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े किए तथा किसानों से एकता के साथ इस संघर्ष को लड़ने की अपील की, पंचायत ने सर्वसम्मति से कई प्रस्ताव पारित किये।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह ने पहला प्रस्ताव पढ़ते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में गन्ने का पेराई सत्र समाप्त होने को है लेकिन अभी तक गन्ने का भाव घोषित नहीं किया गया, सरकार जल्द इस विषय पर निर्णय ले व ₹500 प्रति कुंतल घोषित करें व बकाया भुगतान भी अविलंब कराया जाए। सरकारें कॉर्पोरेट घरानों का अरबो खरबो रुपया बिना किसी शर्त व सूचना जारी किये माफ कर देती है इसी तरह यह पंचायत देश के किसान का संपूर्ण ऋण माफ करने की मांग करती है। एमएसपी गारंटी कानून C2 50 को कानून का दर्जा देने की मांग भी की गई। कृषि यंत्र व बीज, पदार्थ जीएसटी मुक्त किए जाएं। विद्युत निजीकरण को रोका जाए तथा सरकार द्वारा देश की किसी भी संस्था के निजीकरण को भी तत्काल बंद किया जाए। जेनेटिकली मोडिफाइड बीज इस तरह के किसी भी ट्रायल को देशभर में नहीं होने दिया जाएगा। भूमि अधिग्रहण के नाम पर किसानों का शोषण देश भर में बंद हो। केंद्र सरकार हाल ही के समय में नेशनल पॉलिसी फ्रेमवर्क ऑन एग्रीकल्चर मार्केटिंग का नया कृषि मसौदा नीति लेकर आई है इसे तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।।