माफिया से मुक्त ज़मीन पर अब बसेगा आशियाना: लखनऊ में सीएम योगी ने 72 परिवारों को सौंपी फ्लैट की चाबी!
अब गरीब की ज़मीन पर कब्जा करने वाला माफिया बख्शा नहीं जाएगा: योगी

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विशेष संवाददाता
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ मंगलवार को एक ऐतिहासिक पल की साक्षी बनी, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरदार वल्लभभाई पटेल आवासीय योजना के तहत बने 72 परिवारों को उनके सपनों का घर सौंपा। यह केवल चाबी सौंपने का समारोह नहीं था, बल्कि यह एक संदेश था “अब उत्तर प्रदेश में माफियाओं की नहीं, गरीबों की चलेगी।” इन फ्लैटों का निर्माण उस जमीन पर किया गया है जो कभी कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी के कब्जे में थी। सीएम योगी ने खुद यह स्पष्ट किया कि यह वही लखनऊ है जहां कभी माफिया हावी थे, लेकिन आज उनकी अवैध कमाई की ज़मीन पर गरीब परिवारों का बसेरा होगा।

एकता वन में आयोजित इस समारोह में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा-
“लखनऊ में कुख्यात माफिया से खाली कराई गई जमीन पर आवास आवंटन का यह सिर्फ कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक संदेश है। किसी गरीब की, सार्वजनिक संपत्ति की, या सरकारी भूमि पर अगर माफिया ने कब्जा किया तो उसका यही हाल होगा। जो हमने यहां किया है, वही पूरे प्रदेश में होगा।”
सीएम ने कहा कि यह योजना उत्तर प्रदेश की बदलती तस्वीर का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने यह फ्लैट सिर्फ10.70 लाख रुपये में उपलब्ध कराए हैं, जबकि यहां का मार्केट रेट लगभग 1 करोड़ रुपये है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा-
“जो लोग माफियाओं को शागिर्द बनाते हैं, उनकी कब्र पर जाकर फातिहा पढ़ते हैं, उन्हें अब समझ लेना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में उनका खेल खत्म हो चुका है,”
कभी भय का माहौल था, अब कानून का राज है
सीएम योगी ने कहा कि कुछ साल पहले तक प्रदेश में हर जिले में कोई न कोई माफिया हावी था।
“ये वही माफिया हैं जो संविधान का अपमान करते थे, जातीय संघर्ष कराते थे, व्यापारी का अपहरण करते थे। लेकिन आज इन्हें उसी भाषा में जवाब दिया गया है जो ये समझते हैं। आज यूपी की कानून व्यवस्था देश के लिए एक मॉडल बन चुकी है।”
उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधते हुए कहा कि “जो लोग माफियाओं से सहानुभूति रखते हैं, वे खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं।”
मुख्तार अंसारी की ज़मीन पर बना गरीबों का आशियाना

लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि यह परियोजना मुख्यमंत्री योगी की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत पूरी की गई है। मुख्तार अंसारी ने हजरतगंज के डालीबाग इलाके में लगभग 2,322 वर्गमीटर सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्जा कर रखा था। इस भूमि को मुक्त कराकर यहां “सरदार वल्लभभाई पटेल आवासीय योजना” शुरू की गई।
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योजना में ग्राउंड प्लस थ्री स्ट्रक्चर के तीन ब्लॉक हैं।
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प्रत्येक फ्लैट का क्षेत्रफल 36.65 वर्गमीटर है।
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कुल 72 ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) फ्लैट बनाए गए हैं।
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कीमत रखी गई है 10.70 लाख रुपये प्रति फ्लैट।
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लोकेशन: 20 मीटर चौड़ी बंधा रोड, हजरतगंज से महज 5-10 मिनट की दूरी।
यहां स्वच्छ जल, विद्युत आपूर्ति, सुरक्षा व्यवस्था और दोपहिया पार्किंग की समुचित व्यवस्था की गई है। बाह्य विकास कार्य जैसे रोड, पार्क और ड्रेनेज भी पूरे किए गए हैं।
भारी उत्साह, 8000 से अधिक आवेदक
एलडीए द्वारा 4 अक्टूबर से 3 नवम्बर 2025 तक इस योजना के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया गया था। करीब 8000 लोगों ने आवेदन किया, जो इस योजना की लोकप्रियता का प्रमाण है। मंगलवार को लॉटरी प्रक्रिया संपन्न होने के बाद चयनित 72 परिवारों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं फ्लैट की चाबी सौंपी।
माफिया की बर्बादी में गरीबों की खुशहाली
यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश की राजनीतिक और सामाजिक दिशा में एक प्रतीकात्मक मोड़ की तरह देखा जा रहा है, जहां माफिया की बर्बादी अब गरीब की खुशहाली में बदल रही है। योगी सरकार का यह कदम न सिर्फ “अवैध कब्जों के अंत” का संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अब प्रदेश में “सत्ता नहीं, व्यवस्था चलेगी”।
लखनऊ की यह परियोजना केवल एक आवासीय योजना नहीं, बल्कि माफिया मुक्त उत्तर प्रदेश की तस्वीर पेश करती है। माफियाओं की तिजोरियों की जगह अब गरीबों के सपनों के घर बसेंगे, और यही है “नए उत्तर प्रदेश” की पहचान।
