इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 90 अधिवक्ताओं को सीनियर एडवोकेट का दर्जा दिया, पाँच महिला वकील भी सूची में शामिल!
न्यायिक परम्परा में विविधता की नई मिसाल
NEWS1UP
विशेष संवाददाता
इलाहाबाद। हाई कोर्ट ऑफ़ ज्यूडिकेचर एट इलाहाबाद ने अपनी आधिकारिक अधिसूचना के जरिये 05.11.2025 तिथि से कुल 90 अधिवक्ताओं को सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया है। इस सूची में 5 महिला अधिवक्ता भी शामिल हैं। यह निर्णय अधिवक्ताओं की योग्यता और विधि-क्षेत्र में उनके योगदान को ध्यान में रखकर लिया गया है।
सीनियर एडवोकेट का दर्जा भारत में वकीलों को एक विशिष्ट पेशेवर मान्यता देता है, यह विशेष रूप से अदालतों में वरिष्ठता, विशेषज्ञता और बहस-कौशल के आधार पर दिया जाता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की यह बड़ी बैच में नियुक्तियाँ न सिर्फ न्यायालय के समक्ष अनुभवी वकीलों की उपलब्धता को दर्शाती हैं, बल्कि कानूनी पेशे में बढ़ती विविधता, खासतौर पर महिला वकीलों की भागीदारी का संकेत भी हैं। इसी दिन यह फैसला प्रभावी कर दिया गया।
कुल नामित: 90 अधिवक्ता
लिस्ट में 5 महिला अधिवक्ता शामिल हैं यह नामांकन 05.11.2025 से प्रभावी किया गया और आधिकारिक अधिसूचना हाईकोर्ट की तरफ़ से जारी है। अधिकांश नामित अधिवक्ता इलाहाबाद और लखनऊ बेंचों में प्रैक्टिस करते हैं जबकि कुछ सुप्रीम कोर्ट और अन्य ट्रिब्यूनलों में भी प्रैक्टिस करते हैं। सूची निम्नलिखित है:
अजय कुमार सिंह, अखिलेश कुमार श्रीवास्तव, अखिलेश सिंह, अलका वर्मा, आलोक कुमार यादव, अमित दागा, अमित कृष्ण, अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी, आनंद मणि त्रिपाठी, अनिल कुमार मेहरोत्रा, अनिल प्रताप सिंह, अनीता त्रिपाठी, अनुप कुमार श्रीवास्तव, अनुज कुडेसिया, अनुपम कुलश्रेष्ठ, अनुराग पाठक, अनुराग शुक्ला, अपुल मिश्रा, अर्चना सिंह, आरती राजे, अरुण सिन्हा, आशीष कुमार सिंह, अशोक शंकर भटनागर, बालानाथ मिश्रा, बशारत अली खान, बी.सी. राय, बृजभूषण पाल, बृजेश कुमार शुक्ला, बुशरा मरियम, डॉ. सी.पी. उपाध्याय, देश रतन चौधरी, धीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, ध्रुव माथुर, दुर्गेश कुमार सिंह, गौरव कक्कड़, गौरव मेहरोत्रा, गिरीश चंद्र वर्मा, हनुमान प्रसाद दुबे, हरेंद्र प्रकाश श्रीवास्तव, इमरान मबूद खान, इमरान उल्लाह, इन्द्रराज सिंह, कृष्णमोहन मिश्रा, महबूब अहमद, महेन्द्र प्रताप, मुख्तार आलम, मुकुंद तिवारी, नरेश चंद्र त्रिपाठी।
नवीन चंद्र गुप्ता, निखिल अग्रवाल, निपुण सिंह, प्रभाकर अवस्थी, प्रदीप अग्रवाल, प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव, प्रशांत सिंह अटल, पृतिश कुमार, पूर्णेन्दु चक्रवर्ती, राहुल अग्रवाल, राहुल मिश्रा, राजकुमार खन्ना, राकेश कुमार चौधरी, रमेंद्र प्रताप सिंह, सलील कुमार श्रीवास्तव, समीअर कालिया, संजय गोस्वामी, संजीव सिंह, सन्तोष कुमार यादव “वारसी”, सन्तोष कुमार त्रिपाठी, सर्वेश, शरद पाठक, शर्वे सिंह, शशिकांत शुक्ला, शिव प्रकाश शुक्ला, श्रीकृष्ण मिश्रा, सिद्धार्थ श्रीवास्तव, सुदीप कुमार, सुधीर दीक्षित, सुनील कुमार त्रिपाठी, सुशील कुमार शुक्ला, स्वप्निल कुमार, श्वेताश्व अग्रवाल, सैयद अली मर्तुज़ा नक़वी, तरुण अग्रवाल, त्रिवेणी शंकर, उमेश वत्स, वैभव कालिया, विद्युभूषण सिंह, विक्रांत राणा, विनोद कुमार शाही तथा यदुकुल शिरोमणि श्रीवास्तव।
वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी ने कहा-
“यह सूची उन अधिवक्ताओं के लिए प्रेरणादायक है जो वर्षों से न्यायालय में गंभीर विधिक कार्य कर रहे हैं। यह केवल सम्मान नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी भी है।”
वहीं अधिवक्ता अनीता त्रिपाठी ने इसे महिला अधिवक्ताओं के लिए “न्यायिक दुनिया में नयी ऊर्जा और प्रतिनिधित्व का क्षण” बताया।
हाईकोर्ट की अधिसूचना के अनुसार, इन सभी नामों को सीनियर एडवोकेट्स के रूप में दर्ज किया गया है और उनका यह दर्जा 5 नवम्बर 2025 से प्रभावी हो गया है। सूची को कोर्ट की वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की यह पहल विधि व्यवसाय में योग्यता-आधारित पारदर्शिता की मिसाल मानी जा रही है। इतनी बड़ी संख्या में नामांकन यह दर्शाता है कि न्यायिक संस्थान अब विविधता और पेशेवर अनुभव को समान महत्व दे रहे हैं।
