मुख्यमंत्री से स्कूलों में प्रतिबंधित सामान लाने के लिए मानक बनाने की मांग की
गाजियाबाद। आजमगढ़ में स्कूल की छत से गिरकर छात्रा की हुई मौत के मामले में प्रधानाचार्या एवं अध्यापिका को गिरफ्तार करने के विरोध में इंडीपेंडेंट स्कूल फेडरेशन आॅफ इंडिया की जिला इकाई ने मंगलवार को प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
ज्ञापन में फेडरेशन के सदस्यों ने कहा कि छात्रा की संदिग्ध मौत के मामले में बिना जांच किए ही प्रिंसिपल और शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है। छात्रा के पास पाया गया मोबाइल फोन उसके अभिभावक ने दिया था, जबकि स्कूल परिसर में मोबाइल फोन लाना प्रतिबंधित है। छात्रा के मोबाइल की कॉल डिटेल्स की जांच किए बिना ही प्रिंसिपल और शिक्षक पर दोषारोपण किया गया।
फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ. सुभाष जैन ने बताया कि इस घटना के बाद पुलिस के रवैये से गाजियाबाद के शिक्षकों में रोष है। इसके लिए स्कूलों को मंगलवार को बंद रखा गया। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। साथ ही, औद्योगिक दुघर्टनाओं में अभियोग पंजीकृत किए जाने से पहले घटना का विश्लेषन किया जाना चाहिए। प्रत्येक घटना की जांच के बाद ही एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।
फेडरेशन सचिव गुलशन भांबरी ने कहा कि सरकार से यह स्पष्ट करने की गुजारिश की गई है कि कौन-कौन सी वस्तुएं विद्यालयों में लाना प्रतिबंधित होगा। क्या प्रतिबंधित वस्तुओं की जांच करना मानसिक प्रताड़ना मानी जाएगी। प्रतिबंधित वस्तुएं लाने पर क्या अभिभावक उत्तरदायी नहीं होंगे। विद्यालय के अंदर अनुशासन और पठन-पाठन से संबंधित छात्रों को डांटना और अभिभावकों को सूचित करना क्या मानसिक प्रताड़ना मानी जाएगी। स्कूल मालिकों, मैनेजमेंट, प्रिंसिपल और शिक्षकों का अनावश्यक उत्पीड़न रोकने के लिए मानक बनाया जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में सह सचिव आलोक गर्ग, प्रचार प्रमुख अजय जैन और कमेटी सदस्य जोगेंदर सिंह आदि उपस्थित थे।
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