November 21, 2025
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पहले समाधान, फिर डिजिटाइजेशन: शिक्षकों का कलेक्ट्रेट पर हल्ला बोल! मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

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गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति

और पुरानी पेंशन बहाली की उठी मांगें 

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने जताया रोष!

NEWS1UP

संवाददाता

गाज़ियाबाद। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षकों ने शनिवार को कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष रविंद्र राणा के नेतृत्व में सैकड़ों शिक्षक कलेक्ट्रेट पहुंचे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। शिक्षकों का कहना था कि जब तक उनकी पुरानी लंबित मांगों का समाधान नहीं किया जाता, तब तक डिजिटाइजेशन या ऑनलाइन उपस्थिति जैसी व्यवस्थाएँ लागू करना अनुचित है।

 डिजिटल आदेश से पहले शिक्षक प्रतिनिधियों से होनी चाहिए थी वार्ता: डॉ. अनुज त्यागी

डॉ अनुज त्यागी

संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. अनुज त्यागी ने कहा कि शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की समस्याएँ वर्षों से शासन स्तर पर लंबित पड़ी हैं। लेकिन उनका समाधान करने के बजाय सरकार ने ऑनलाइन डिजिटल उपस्थिति का आदेश जारी कर दिया है।
उन्होंने कहा-

“यह आदेश व्यवहारिक नहीं है। इससे शिक्षकों पर अनुचित दबाव डाला जा रहा है। पहले समस्याओं का समाधान हो, फिर डिजिटाइजेशन की बात की जाए।

उन्होंने याद दिलाया कि जुलाई माह में भी ऑनलाइन उपस्थिति को लेकर प्रदेशभर में शिक्षकों ने बड़ा आंदोलन किया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई थी, लेकिन आज तक उस कमेटी का निर्णय सामने नहीं आया है।

 समस्याएं जस की तस, और आदेश नए

प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने कहा कि शासन उनकी वास्तविक परेशानियों से मुंह मोड़ रहा है। शिक्षकों का कहना है कि स्कूलों में पर्याप्त संसाधन और स्टाफ की कमी के बावजूद उन्हें गैर-शैक्षणिक कार्यों (जैसे बीएलओ) में झोंक दिया जाता है। इसके साथ ही, अवकाश नीति, पदोन्नति और पेंशन जैसे मुद्दों पर भी कोई ठोस पहल नहीं हुई है।

 शिक्षकों की प्रमुख मांगे:

ऑनलाइन डिजिटल उपस्थिति आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।
शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों (बीएलओ) आदि से मुक्त किया जाए।
सभी परिषदीय शिक्षकों को अन्य कर्मचारियों की भांति 30 अर्जित अवकाश, हाफ डे सीएल और प्रतिकर अवकाश दिया जाए।
पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए।
सभी विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का पद पुनः बहाल किया जाए तथा वर्षों से लंबित पदोन्नति प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण किया जाए। पदोन्नति प्राप्त शिक्षकों को पदोन्नति की तिथि से ही उनके ग्रेड पे के अनुरूप न्यूनतम मूल वेतन17,140 /18,150 रुपए निर्धारित किया जाए। साथ ही, शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को उनके मूल जनपद अथवा ऐच्छिक जनपद में स्थानांतरण का अवसर प्रदान किया जाए।
शिक्षामित्रों व अनुदेशकों को नियमित किया जाए या समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए।
सभी शिक्षकों को सामूहिक बीमा व कैशलेस चिकित्सा सुविधा से जोड़ा जाए।

 शिक्षकों में भारी आक्रोश

जिलाध्यक्ष रविंद्र राणा ने कहा कि शासन की नीतियाँ शिक्षकों का मनोबल तोड़ रही हैं।

रविंद्र राणा


उन्होंने कहा-

हम शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए सबसे पहले शिक्षक की समस्याएं सुलझाना जरूरी है। बिना संवाद के जबरन आदेश थोपना ठीक नहीं।

 प्रदर्शन में रहे सैकड़ों शिक्षक शामिल

इस मौके पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष आदेश मित्तल, ब्लॉक अध्यक्ष लोनी मनोज डागर, ब्लॉक अध्यक्ष भोजपुर पुष्पेंद्र सिंह, ब्लॉक अध्यक्ष रजापुर मनोज त्यागी, ब्लॉक अध्यक्ष मुरादनगर अमित यादव, धर्मेश जौहर, गुलफाम अली, प्रवीण कुमार, अरविंद शर्मा, यादवेंद्र शर्मा, प्रीति शर्मा, नूतन चौहान, मीनाक्षी, अजय, रविन्द्र कुमार, दिनेश कुमार सहित सैकड़ों शिक्षक मौजूद रहे। शिक्षक संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो वे प्रदेशव्यापी आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

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