December 23, 2024
Latest

बीमारियों को ठीक करना है तो पहले मन को ठीक करना होगा : तपस्वी श्री चैतन्य गुरु जी

0
0
0

Report News1up

गाजियाबाद : स्थानीय राजनगर एक्सटेंशन के वीवीआईपी एड्रेसेस क्लब हाउस में शनिवार 8 अप्रेल 2023 से 16 अप्रैल 2023 तक प्रातः व सायं 5-30 से 7-30 मात्र 9 दिन मात्र दो घंटे प्रतिदिन प्रज्ञा चैतन्य फाउंडेशन ट्रस्ट, जयपुर ( राजस्थान ) द्वारा ध्यान मनोयोग साधना शिविर का आयोजन किया जा रहा है।

इस शिविर में

साधकों को जीवन शैली, अध्यात्म और साधना पर चर्चा करेंगे और ओमकार साधना,योग निद्रा और समाधि की दीक्षा देंगे। आयोजन से पूर्व इस संबंध में तपस्वी चैतन्य गुरु जी व ट्रस्ट की स्थानीय शाखा की मीडिया प्रभारी आरती डंग से शिविर के सम्बन्ध में वार्ता हुई। उन्होंने बताया कि हर साधक को शनिवार के परिचय सत्र में अवश्य भाग लेना है। इसके लिए आनलाइन सुविधा भी उपलब्ध रहेगी ‌। जिससे शिविर के सभी आयामों को स्पष्ट रूप से समझा जा सके और रविवार से उसका प्रेक्टिकल करके, सीखकर उसका लाभ उठाया जा सके ‌।

उन्होंने बताया कि यह शिविर गाजियाबाद के पूर्व साधकों एवं कार्यकर्ताओं के अनुरोध पर आयोजित किया जा रहा है। इससे पूर्व गाजियाबाद में 15 शिविर विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित हो चुके हैं। जिनमें भाग लेकर हजारों लोगों ने शिविर में दिखाई जाने वाली अनूठी क्रियाओं, जीवन शैली और आहार परिवर्तन से फायदा उठाया है।यह 16वां शिविर है।इस शिविर में ओमकार साधना एवं योगनिद्रा की विशेषताएं तथा अवचेतन मन की शक्ति को किस प्रकार अपने अनुकूल बनाकर व्यक्ति अपने जीवन में उन्नति कर सकता है,यह सिखाया जायेगा। उन्होंने बताया कि शिविर के माध्यम से एंटी-एजिंग, माइंड रिलेक्सेशन, मोटापा, डायबिटीज, बीपी एवं जीवनशैली से जुड़ी अन्य सभी बीमारियों का प्राकृतिक समाधान बताया जायेगा। तपस्वी चैतन्य गुरु जी ने कहा कि बीमारियों को ठीक करना है तो पहले मन को ठीक करना होगा।

तपस्वी चैतन्य गुरु जी का जन्म आन्ध्र प्रदेश में हुआ‌। विश्व विद्यालय शिक्षा के बाद पहले सरकारी नौकरी की, फिर नौकरी छोड़ अपना व्यवसाय किया। उसमें पर्याप्त धन व नाम कमाया। भौतिक जीवन में सब कुछ होते हुए भी उन्हें अपना जीवन अधूरा लग रहा था। अपने मन की शांति की खोज के लिए कई वर्षों तक मौन रहकर वह विश्व भ्रमण के लिए निकल गये। लगभग 25 से वर्षो से वह अपने अनुभवों को देश- विदेश में अपने शिविरों के माध्यम से लोगों में बांट रहे हैं।गत 18 वर्षो में लगभग 5000 शिविर उनके लग चुके हैं।

उत्तर भारत में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि अनेक स्थानों पर उनके शिविरों का आयोजन किया गया है तथा सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड, हांगकांग में भी कई शिविर लग चुके हैं। लाखों लोग इन पद्धतियों को अपनाकर इसका लाभ उठा चुके हैं।इन शिविरों में अपने व्यसनों, शारीरिक व मानसिक बीमारियों तथा तनाव से मुक्ति पाने के साथ ही साथ व्यक्ति अध्यात्म की ओर अग्रसर होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!