रोहिणी नक्षत्र में सूर्य के आने से बढ़ती है सूर्य की प्रचंडता
25 मई से आरंभ होगा नौतपा काल
नई दिल्ली। सूर्य सिद्धांत व अन्य पौराणिक ग्रंथों के अनुसार जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो उसके गर्मी में प्रचण्डता बढ जाती है।
सूर्य रोहिणी नक्षत्र में लगभग 15 दिन रहता है। किंतु पहले 9 दिन अधिक प्रचण्डता के होते हैं इस अवधि को नौतपा काल कहा जाता है।नौतपा का आरंभ 25 मई रात्रि 8:58 से आरंभ होगा। यद्यपि सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 8 जून को शाम 18:53 बजे तक रहेगा। किंतु यह नौ दिन 2 जून तक रहेंगे।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार भी यह अवधि बहुत ही गर्मी की होती है। मानसून की तीव्रता या अल्पता कितनी होगी यह इसी अवधि पर निर्भर है।
सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में आने के साथ ही मेष राशि में पहले से विराजमान बुध, गुरु और राहु त्रिग्रही योग बनाएंगे। वहीं, 30 मई की शाम 7.39 पर शुक्र ग्रह के कर्क राशि में प्रवेश से मंगल-शुक्र का योग बनेगा। नौतपा की शुरुआत में ग्रहों के अलग-अलग संयोग बनने से सूर्य की गर्मी इस बार अन्य साल की अपेक्षा ज्यादा रहेगी।
सूर जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होकर वृष राशि में 10 से 20 अंश तक रहता है, तब नौतपा होता है। इन 9 दिनों में सूर्य पृथ्वी के काफी करीब आ जाता है। इस नक्षत्र में सूर्य 15 दिनों तक रहता है, लेकिन शुरुआती नौ दिनों में गर्मी बहुत ज्यादा होती है। तापमान भी इस समय 42 डिग्री से 46 डिग्री तक हो सकता है।
मानसून में बनेंगे उत्तम योग
इस वर्ष रोहिणी नक्षत्र का निवास समुद्र तट पर व संवत 2080 में समय का वास भी धोबी के घर रहेगा। जो उत्तम बृष्टि का योग बनाता है। यद्यपि वर्षा पर्याप्त होगी किंतु पश्चिमी क्षेत्र गुजरात ,राजस्थान , महाराष्ट्र आदि वर्षा अनियंत्रित रूप से होगी।
नौतपा काल देता है वर्षा होने अथवा न होने का संकेत
यदि 25 मई से 2 जून तक की अवधि में सूर्य प्रचंड रूप से चमकता हैऔर भयंकर गर्मी पड़ती है तो संकेत मिलता हैकि मानसून बहुत अच्छा रहने वाला है ।वर्षा सर्व व्यापक और पर्याप्त रूप में होगी।
किंतु यदि किसी पश्चिमी विक्षोभ, चक्रवात के कारण वर्षा हो जाती है या मौसम ठंडा हो जाता है समझो कि मॉनसून की स्थिति कमजोर रहेगी। कहीं अतिवृष्टि , कहीं अनावृष्टि का योग बनेगा।
आचार्य शिव कुमार शर्मा
अध्यक्ष -शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र गाजियाबाद