छठ पूजा : कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए…

छठ पूजा के सामूहिक कार्यक्रम, डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए उमड़ी भीड़
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गाजियाबाद। छठ महापर्व के तीसरे दिन संध्या अर्घ्य में सैकड़ों रों की संख्या मे पूजा व्रती एवं हजारों परिवारजना छठ घाट पहुँचें। संकल्प सिद्धि स्थल, नगर निगम छठ घाट, राजनगर एक्सटेंशन, गाजियाबाद के गंगाजल और गुलाब जल से प्रच्छालित पवित्र तालाब में संकल्प सिद्धि फाउंडेशन के सौजन्य से राजनगर एक्सटेंशन के व्रतीगण अपनी आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। दुर्गा पूजा के तुरंत बाद से संकल्प सिद्धि फाउंडेशन, छठ पूजा समिति के उत्साही कार्यकर्तागण और व्रती के परिवारजन साथ ही घाट की तैयारी करते दिखने लगते हैं और इन्हें नगर निगम एवं स्थानीय प्रशासन का सहयोग मिलता है ।
-दीपावली के पहले तक सज जाता है घाट
अपनी रंग बिरंगी आभा के साथ स्वच्छता की चादर लपेटे और दिवाली के दूसरे दिन से तालाब में जल भराव का काम शुरू हो जाता है। संपूर्ण तैयारी के साथ व्रतियों का गाते हुए भक्तिमय माहौल मेंआगमन हो रहा है। मिठास घोलते गीत के साथ —‘कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए, होऊं जे बलम जी कहरिया , बहंगी घाटे दिउ पहुंचाए’ और दूसरे दिन प्रात: उगते सूर्य देव को आस्था का अर्घ्य देकर लोग समापन करेंगो। इस 36 घंटे के निर्जला व्रत की अनेकों मंगल कामनाओं के साथ कहते हुए जय छठी मैया के साथ परिवार के लिए प्रार्थना करते हैं।
छठ पूजा समिति(संकल्पसिद्धि फाउंडेशन) के आयोजक एस के श्रीवास्तव, राजीव झा, देवेंद्र चौबे, गोपाल सिंह, राजीव श्रीवास्तव, वासुदेव वर्मा, बिंदु शेखर, अदिति, हरीश भारती, रंजन जी, प्रभात जइब एवं अन्य मुख्य संयोजक सदस्यों का विशेष सहयोग रहा।