विस्थापित वन्य जीवों के लिए अस्थायी बाड़े के निर्माण की तैयारी
एयरपोर्ट परियोजना व उसके आसपास के क्षेत्र में रहने वाले वन्य जीवों को पकड़ने का अभियान शुरू कर दिया गया है
सर्वेक्षण में 258 काले हिरण पाए गए, वन्यजीवों को पकड़ने लिए वन विभाग एक्सपर्ट की मदद ले रहा है
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ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट परियोजना से विस्थापित वन्यजीवों के लिए पुनर्वास और संरक्षण केंद्र का निर्माण शुरू होने में कम से कम दो माह का समय लग सकता है। ऐसे में एक अस्थायी केंद्र की जरूरत महसूस की जा रही है। निमार्णाधीन साइट से स्थानांतरित किए जा रहे जानवारों को रखने के लिए अस्थायी बाड़े के निर्माण की तैयारी जा रही है। इस संबंध में यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने दिशा निर्देश दिए हैं। वन विभाग की टीम ने वन्य जीवों को पकड़ने का अभियान तेज कर दिया है। अब तक चार काला हिरन और दो नील गाय पकड़े जा चुके हैं।
बता दें कि प्रदेश सरकार ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को नोएडा एयरपोर्ट से प्रभावित वन्य जीवों के लिए पुनर्वास और संरक्षण केंद्र के निर्माण के लिए जिम्मेदार एजेंसी नियुक्त किया, जो एयरपोर्ट के निर्माण से विस्थापित जानवरों की सेवा करेगी। पुनर्वास केंद्र के लिए पांच हेक्टेयर जमीन चिन्हित कर ली गई है। पुनर्वास केंद्र के निर्माण में समय लग सकता है। अभी कई औपचारिकताएं पूरी करनी हैं। इस बीच यह देखा जा रहा है कि एयरपोर्ट की बाउंड्री से लगे जंगल में रहने वाले वन्य जीव जैसे नील गाय, हिरन आदि जानवर एयरपोर्ट परिसर में घुस रहे हैं,जो सुरक्षा की दृष्टि से सही नहीं है। एयरपोर्ट परियोजना क्षेत्र में नीलगाय, हिरन, बंदर, सुनहरे सियार, जंगली बिल्लियां आदि वन्य जीव रहते हैं। एयरपोर्ट के लिए जैव विविधता संरक्षण योजना में भारतीय वन्यजीव संस्थान ने एयरपोर्ट के लिए निर्धारित भूमि में प्रमुख प्रजातियों के रूप में काले हिरण और सारस क्रेन की पहचान करते हुए विस्थापित जीवों के लिए एक बचाव केंद्र की स्थापना की सिफारिश की है। नोएडा एयरपोर्ट और उसके आसपास के क्षेत्र में 10 से 25 किमी के सर्वेक्षण में 258 काले हिरण पाए गए, जिनमें से 29 का सबसे बड़ा समूह एयरपोर्ट के दक्षिण-पूर्व में रोही व पारोही गांव के पास देखा गया। एयरपोर्ट से उड़ान सेवा शुरू होने पर इन वन्य जीवों की वजह से को व्यवधान उत्पन्न न हो, इसलिए समय रहते वन्यजीव बचाव एवं पुनर्वास केंद्र के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है। अगले साल अप्रैल माह से हवाई जहाजों की उड़ान शुरू होनी है। इससे पहले ट्रायल शुरू हो जाएगा। ऐसे में वन्यजीवों को विस्थापित किया जाना जरूरी हो गया है।
विस्थापित वन्य जीवों को रखने में किसी तरह की कोई दिक्कत न हो,इसके लिए अस्थाई बाड़ा तैयार किया जाएगा। इस संबंध में दिशा निर्देश दिए गए हैं। वहीं वन्यजीव पुनर्वास और संरक्षण केंद्र के निर्माण की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद उसका भी काम शुरू कर दिया जाएगा। एयरपोर्ट से हवाई जहाजों की उड़ान शुरू होने से पहले वन्यजीव पुनर्वास और संरक्षण केंद्र का काम पूरा कर लिया जाएगा।
डॉ़ अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण।