October 5, 2025
Latest

अगर तबाह रनवे, जले हैंगर जीत है तो पाकिस्तान आनंद ले: भारत

0
2
0

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ को भारत का करारा जवाब 


NEWS1UP

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजनयिक पेटल गहलोत ने राइट टू रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुए कहा कि अगर तबाह रनवे, जले हैंगर जीत है तो पाकिस्तान आनंद ले सकता है दरअसल शहबाज़ शरीफ़ ने दावा किया था कि पाकिस्तान ने भारत के साथ युद्ध जीत लिया है और अब उनका देश शांति चाहता है।लेकिन भारत ने कहा कि इसके लिए पाकिस्तान को अपने यहां सक्रिय आतंकी संगठनों के कैंप बंद करने होंगे और भारत में वॉन्टेड चरमपंथियों को उसे सौंपना होगा।

यही पाकिस्तान था जिसने ओसामा बिन लादेन को एक दशक तक छिपाए रखा

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की फ़र्स्ट सेक्रेटरी पेटल गहलोत ने कहा, इस सभा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की बेतुकी नौटंकी देखी, जिन्होंने एक बार फिर आतंकवाद का महिमामंडन किया, जो उनकी विदेश नीति का मूल हिस्सा है। उन्होंने कहा कि नाटक और झूठ का कोई भी स्तर सच्चाई को छिपा नहीं सकता। पहलगाम हमले का ज़िक्र करते हुए गहलोत ने कहा, यह वही पाकिस्तान है जिसने 25 अप्रैल, 2025 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में, जम्मू और कश्मीर में पर्यटकों पर हुए बर्बर जनसंहार के लिए रेज़िस्टेंस फ़्रंट (आतंकी संगठन) को जवाबदेही से बचाया।

एक तस्वीर हज़ार शब्दों को बयां करती है और इस बार हमने बहावलपुर और मुरीदके के आतंकवादी परिसरों में ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकवादियों की कई तस्वीरें देखीं।

भारतीय राजनयिक ने कहा, याद कीजिए, यही पाकिस्तान था जिसने ओसामा बिन लादेन को एक दशक तक छिपाए रखा जबकि वह आतंकवाद के ख़िलाफ़ युद्ध में साझेदार होने का दिखावा कर रहा था। गहलोत ने कहा, सच्चाई यह है कि पहले की तरह ही, भारत में निर्दोष नागरिकों पर आतंकवादी हमले के लिए पाकिस्तान ही ज़िम्मेदार है। उन्होंने कहा, पाकिस्तान के मंत्रियों ने हाल में ये माना है कि उनका देश दशकों से आतंकवादी शिविर चला रहा है।
पेटल गहलोत ने कहा कि इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि एक बार फिर पाकिस्तान का ढोंग सामने आ गया है। इस बार ये प्रधानमंत्री के स्तर पर दिखा है। एक तस्वीर हज़ार शब्दों को बयां करती है और इस बार हमने बहावलपुर और मुरीदके के आतंकवादी परिसरों में ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकवादियों की कई तस्वीरें देखीं।

उन्होंने कहा, हमने देखा कि पाकिस्तानी सेना के सीनियर अफ़सर और नागरिक सार्वजनिक तौर पर खूंखार आतंकवादियों का महिमामंडन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे थे। इस शासन का झुकाव किस तरफ़ है, क्या इसे लेकर कोई शक बाकी रह गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!