October 5, 2025
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जयपुरिया ग्रीन्स: सफायर सोसायटी में लिफ्ट हादसा, 13 वर्षीय बच्ची घायल

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निवासियों में दहशत और आक्रोश

NEWS1UP

गाज़ियाबाद। एनएच-24 स्थित जयपुरिया ग्रीन्स टाउनशिप की रुचिरा सफायर सोसायटी में शुक्रवार रात एक बड़ा हादसा सामने आया। सोसायटी में रहने वाली लगभग 13 वर्षीय बच्ची लिफ्ट से नीचे उतर रही थी कि तभी अचानक लाइट में बार-बार फ्लक्चुएशन होने लगा और लिफ्ट फ्री हो गई। बताया जा रहा है कि लिफ्ट पहले छठे फ्लोर पर आकर कुछ सेकंड के लिए रुकी और उसके बाद अचानक सीधे ग्राउंड फ्लोर पर गिर गई। इस दौरान लिफ्ट में मौजूद बच्ची घायल हो गई। परिजन उसे तत्काल पास के मणिपाल हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां उसका इलाज जारी है। परिजनों से इस मामले में बातचीत की कोशिश की गई, लेकिन वे बच्ची की हालत को लेकर बेहद चिंतित और व्यस्त थे। डॉक्टर्स के मुताबिक कोई गंभीर इंजुरी नहीं है। लिफ्ट गिरी या फिर बीच में कहीं अटकी इस बात की पुष्टि नहीं हो पायी है! CCTV फुटेज जांचने के बाद ही यह पता चल सकेगा!

घटना के बाद सोसायटी में भय और आक्रोश का माहौल है। सोसायटी के मैनेजर मोहम्मद साजिद ने बताया कि हादसा बिजली के बार-बार जाने और आने के कारण हुआ है। हालांकि, घटना के समय वह मौके पर मौजूद नहीं थे। उन्होंने कहा कि उन्हें ड्यूटी पर तैनात इलेक्ट्रीशियन से यह जानकारी मिली है और इसकी सूचना तुरंत लिफ्ट मेंटेनेंस एजेंसी जॉनसन को दे दी गई है। साजिद का कहना है कि एक हफ्ते पहले ही सभी लिफ्टों की सर्विस कंपनी द्वारा की गई थी, बावजूद इसके यह गंभीर हादसा कैसे हुआ, इसकी जांच की जाएगी।

सोसायटी मैनेजमेंट का पक्ष

सोसायटी मैनेजर मोहम्मद साजिद ने बताया :

  • हादसा बिजली के बार-बार आने-जाने के कारण हुआ।

  • उन्होंने मौके पर मौजूद इलेक्ट्रीशियन से जानकारी लेने के बाद लिफ्ट मेंटेनेंस एजेंसी जॉनसन को तुरंत सूचना दी।

  • साजिद के अनुसार, एक हफ्ते पहले ही जॉनसन कंपनी ने सभी लिफ्टों की सर्विसिंग की थी।

  • हालांकि लिफ्ट, लिफ्ट एक्ट के तहत जिलाधिकारी कार्यालय में रजिस्टर्ड है या नहीं, इस पर वे स्पष्ट जवाब नहीं दे सके।

जब उनसे पूछा गया कि क्या यह लिफ्ट, लिफ्ट एक्ट के अनुसार जिलाधिकारी कार्यालय में रजिस्टर्ड है, तो उन्होंने इस विषय पर जानकारी न होने की बात कही। बता दें कि सफायर सोसायटी में अब तक अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (AOA) का गठन नहीं हुआ है और सोसायटी का पूरा मेंटेनेंस बिल्डर ही देख रहा है।

प्रशासन की भूमिका और आगे की कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, जिलाधिकारी कार्यालय इस हादसे को गंभीरता से लेगा और लिफ्ट एक्ट के तहत जांच की संभावना है।

  • जांच का फोकस रहेगा कि लिफ्ट विधिवत रजिस्टर्ड थी या नहीं।

  • बिल्डर और लिफ्ट कंपनी पर लापरवाही का केस बन सकता है।

  • तकनीकी विशेषज्ञ लिफ्ट की सेफ्टी सिस्टम और ब्रेकिंग मैकेनिज्म की जांच करेंगे।

गौरतलब है कि हाल के दिनों में गाज़ियाबाद की अन्य सोसायटियों, गोविंदपुरम की गौर सोसायटी और पंचशील, में भी लिफ्ट दुर्घटनाओं की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इन मामलों पर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की थी। ऐसे में सफायर सोसायटी की इस घटना ने एक बार फिर लिफ्ट सुरक्षा और बिल्डरों की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सफायर सोसायटी का यह हादसा गाज़ियाबाद की ऊँची-ऊँची सोसायटियों में रहने वाले हजारों परिवारों के लिए सुरक्षा अलार्म है।
बड़े-बड़े बिल्डरों और लिफ्ट कंपनियों की जवाबदेही तय करना प्रशासन के लिए चुनौती है। जब तक मजबूत मॉनिटरिंग और सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक ऐसे हादसे दोहराए जाने की आशंका बनी रहेगी।

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