WORLD HEART DAY: इस दिल का क्या कसूर ?

सीने के बीच में या बाईं ओर दबाव, जकड़न या भारीपन महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें: डॉ भूपेंद्र सिंह
अब हर किसी के लिए जरूरी हो गया है कि वो समय-समय पर अपने दिल की जांच करवाए: के. शमशुद्दीन, डायरेक्टर (मणिपाल हॉस्पिटल)
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NEWS1UP
गाज़ियाबाद। प्रकृति की सबसे सुंदर रचना हैं इंसान, और इंसान के अंदर सबसे खूबसूरत, सबसे नाजुक हिस्सा है उसका दिल। जरा सोचिए इसी प्यारे से दिल का हम कितना ख्याल रखते हैं ? रखते भी हैं तो कब ? जब इसकी सांसें फूलने लगती हैं या यूँ कहो की दम तोड़ने लगती हैं। आज दुनिया में सबसे अधिक मौतें दिल की बीमारी के कारण ही हो रही हैं। कोविड के बाद तो इसमें और तेज़ी आई है। जिम में वर्क आउट करते नौजवान, स्टेज पर परफॉर्म करने वाले कलाकार, मैदान में खिलाड़ी तक दिल की धड़कन रुकने के कारण अपनी ज़िंदगी गवा रहे हैं। सोचिए! जो दिल हमें हमारे होने का एहसास कराता है, उसका हम कितना ख्याल रखते हैं ? अगर इस दिल के प्रति हम लापरवाह हो जाएँ तो ये तो कहेगा न, आखिर मेरा क्या कसूर ?
वर्ल्ड हार्ट डे के मौके पर आइए इसके महत्त्व को जानते हैं और क्यों हर धड़कन जरूरी है और कैसे दिल की सेहत का ख्याल रखा जाए ?
वर्ल्ड हार्ट डे की शुरुआत साल 2000 में वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (World Heart Federation) द्वारा की गई थी। इस दिन को मनाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूनेस्को (UNESCO) और अन्य वैश्विक संगठनों ने भी सहयोग किया है। इस दिन की शुरुआत कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अंतोनी बेयस डी लुना ने की थी, जो उस समय वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अध्यक्ष थे। पहले यह दिन सितंबर के आखिरी रविवार को मनाया जाता था, लेकिन 2011 से इस दिन को स्थायी रूप से 29 सितंबर को मनाया जाने लगा। इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनियाभर में लोगों को दिल से स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
मणिपाल हॉस्पिटल के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ भूपेंद्र सिंह कहते हैं कि लोगों को दिल की बीमारी सिर्फ बुढ़ापे में ही नहीं होती है, बल्कि अब यह युवाओं को भी बहुत ज्यादा प्रभावित करने लगी है। ज्यादातर दिल की बीमारी गलत खानपान, शारीरिक गतिविधियों की कमी, स्मोकिंग और शराब के सेवन के कारण होती है। इसलिए, हमें एक हेल्दी लाइफस्टाइल जीने और बुरी आदतों को छोड़ना होगा। दुनियाभर में लोगों को समझने और जागरूक करने के लिए विभिन्न संस्थाओं, डॉक्टर आदि के द्वारा कई तरह के कार्यक्रम और सेमिनार के द्वारा दिल की सेहत के महत्व और हेल्दी हार्ट रखने के लिए उपायों पर जोर दिया जाता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग हेल्दी रह सकें और दिल से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को कम कर सकें। डॉ भूपेंद्र बताते हैं कि पिछले 10 सालों के आंकड़े बताते हैं युवाओं का दिल तेजी से बीमार हो रहा है जिसकी वजह से न सिर्फ हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं बल्कि दिल से जुड़ी दूसरी बामारियों का खतरा भी बढ़ गया है। आज के युवा जिसे हम Gen Z के रूप में जानते हैं उन्हें अपनी हार्ट हेल्थ पर विशेष रूप वर्क करना होगा। अगर समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो हम सभी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
इन लोगों को होता है सबसे ज्यादा हार्ट अटैक का खतरा
जो लोग उच्च रक्तचाप, मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, मानसिक तनाव का शिकार हैं, उन्हें हार्ट अटैक आने का अधिक खतरा होता है. इसके अलावा जो लोग धूम्रपान और तंबाकू का सेवन करते हैं, वो भी इस बीमारी का शिकार हो सकता हैं।
मणिपाल हॉस्पिटल के डायरेक्टर के. शमशुद्दीन कहते हैं कि हार्ट की हेल्थ के लिए हॉस्पिटल की तरफ से हर वर्ष जागरूकता अभियान चलाया जाता है, कभी वॉकाथॉन तो कभी हेल्थ टॉक का आयोजन करते आये हैं। वो कहते हैं कि मणिपाल हॉस्पिटल का मिशन है लोगों के दिल से कनेक्ट होना, इस वर्ल्ड हार्ट डे पर हमने अलग-अलग तरह के हेल्थ चेकअप पर डिस्काउंट रखा हुआ है। शमशुद्दीन कहते हैं कि युवाओं में हार्ट की बीमारियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, चेतावनी के संकेतों के प्रति जागरूक होना बेहद जरूरी है। इस साल विश्व हृदय दिवस की थीम, ‘डोंट मिस द बीट’, इसी संदेश पर जोर देती है।