बार आंदोलन : कलक्ट्रेट के सामने हापुड़ रोड पर अधिवक्ताओं ने लगाया जाम

कोर्ट रूम में लाठीचार्ज के विरोध में आंदोलन हुआ और तेज
मांगे पूरी नहीं होने तक अधिक्ताओं का आंदोनल रहेगा जारी
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गाजियाबाद। गाजियाबाद न्यायालय कक्ष में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में चल रहा आंदोलन सोमवार से और तेज हो गया। सोमवार को गाजियाबाद में कलेक्ट्रेट के सामने हापुड़ रोड पर अधिवक्ताओं ने जाम लगा दिया। जाम के कारण वहां पर लंबी-लंबी लाईनें लग गई है। पुलिस व्यवस्था संभालने में ही लगी रही। इस दौरान धरने पर बैठे वकीलों ने सरकार के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की।
बता दें कि गत 29 अक्तूबर को गाजियाबाद के जिला न्यायालय में जिला जज और वकीलों के बीच नोकझोंक हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने वकीलों पर लाठी चार्ज कर उन्हें तितर-बितर किया था। इस दौरान अधिवक्ताओं को चोटें भी लगी थी। साथ ही इस मामले में वकीलों के खिलाफ दो रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी, तभी से वकील हड़ताल पर हैं। इसको लेकर बीते शुक्रवार को 22 जिलों के अधिवक्ताओं की संघर्ष समिति की बैठक भी गाजियाबाद में हुई थी। जिसमें सोमवार से आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया था। साथ ही जिला जज के तबादले व निलंबन की मांग पूरी न होने तक प्रत्येक दिन जिले में 2 घंटे वकीलों ने जाम लगाने का निर्णय लिया था। उसी क्रम में गाजियाबाद के अधिवक्ता आज कलकट्रेट के सामने इकट्ठे हुए और धरने पर बैठ गए। दोनों तरफ की रोड जाम कर दी गई। अधिवक्ताओं ने सड़क पर ही धरने पर बैठ कर जमकर नारेबाजी की। वहीं रास्ता जाम होने से लोगों को बड़ी परेशानी हो रही है। कलेक्ट्रेट के आसपास का इलाका पूरी तरह जाममय में हो गया। लोग अपने गंतव्य तक समय पर नहीं पहुंच सके। हालांकि पुलिस ने ठाकुरद्वारा से ही लोगों का रूट डायवर्जन कर दिया है फिर भी जाम की स्थिति बनी हुई है।
वकीलों के आंदोलन के चलते न्यायालय पर कामकाज ठप पड़ा है। वादकारी हड़ताल के कारण कोर्ट के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। लोगों की जमानतें नहीं हो पा रही हैं।
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अधिवक्ता काम करने को तैयार मगर…
इस मामले में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा का कहना है कि जब तक वकीलों की मांगे नहीं मानीं जाएंगी, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि 29 अक्तूबर को धनतरेस का त्योहार था। त्योहार के चलते काफी संख्या मे्ं वकील कोर्ट नहीं आए थे। जिला जज की कोर्ट में निहत्थे वकीलों पर लाठीजार्च किया गया। न्यायालय में 60-70 वकील थे। इनमें महिला वकील भी शामिल थीं। लाठीचार्ज के कारण कई अधिवक्ताओं को चोट लगी। उन्होंने कहा जिला जज का तत्काल प्रभाव से ट्रांसफार किया जाना चाहिए। हाईकोर्ट से गठित कमेटी प्रक रण की जांच करें। पुलिस ने लाठीचार्ज किसके आदेश पर किया? अचानक कोर्ट परिसर को कैसे छावनी में तब्दील कर दिया गया ? कोर्ट में 500 महिला अधिवक्ता हैं, इसके वाबजूद महिला पुलिस को नहीं लगाया गया। वकीलों पर दर्ज किए गए मुकदमें वापस लिए जाएं। लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर मुकदमें दर्ज किए जाएं। उन्होंने कहा कि एडवोकेट काम करना चाहते हैं, काम करने को तैयार हैं मगर जिला जज के स्थानातरण और मांगों के माने जाने तक आंदोलन को मजबूर हैं।
गाजियाबाद की घटना के विरोध में बिजनौर के वकीलों का प्रदर्शन ,लगाया जाम
बिजनौर। बिजनौर मुख्यालय पर सोमवार को वकीलों ने गाजियाबाद की घटना के विरोध में हाईवे जाम कर दिया। वकील दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और गाजियाबाद घटना की जांच की मांग कर रहे थे। बाद मे वकीलों ने एक ज्ञापन सीओ सिटी को सौंपा।
विरोध में वकीलों की भीड़ ने जजी चौराहे पर बैठकर हाईवे जाम कर दिया। वकीलों की मांग है कि गाजियाबाद में बार और बेंच के रिश्ते खराब करने वाली घटना की सख्त निंदा की जाए। दोषी जज व पुलिसकर्मियों को सजा दी जाए। इसके साथ ही घायल वकीलों का सही इलाज और 10 लाख रुपये मुआवजा देने की भी मांग की गई।
इस मौके पर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष यशपाल सिंह, महासचिव विशाल अग्रवाल, मुनेश कुमार चाहल, रणजीत सिंह, जावेद सईद, अंबिका सिंह राणा, आशीष तोमर, अंकित कुमार, मुकेश चौहान, पंकज बिश्नोई, गंगाराम, रजनीश कुमार, देव प्रकाश सहित सैकड़ों वकील मौजूद रहे।