ऐहातिहासिक रही अधिवक्ताओं की महापंचायत, आंदोलन जारी रहेगा फिर भी बना है भ्रम !
हड़ताल समाप्त कर जिला जज की अदालत के बहिष्कार प्रस्ताव पारित हुआ
गाजियाबाद के अधिवक्ता प्रस्ताव से सहमत नहीं, आज से फिर हड़ताल पर शंसय
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गाजियाबाद। गाजियाबाद जिला जज के कोर्ट रूम में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में हुई महापंचायत ऐताहासिक रही। महापंचायत में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों के अतिरिक्त प्रदेश के अन्य जिलों से भी अधिवक्ता शामिल हुए ।यही नहीं हरियाणा व पंजाब से भी अधिवक्ता आए। गाजियाबाद के इतिहास में यह पहला मौका रहा जब भारी तादाद में वकीलों का जमावड़ा रहा। बाहर से आने वाले अधिवक्ताओं के रहने और ठहरने की भी व्यवस्था की गई। उनके लिए होटल बुक किए गए। इस मौके पर गाजियाबाद के वकीलों ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए जमकर सहयोग किया। खासकर महिला अधिवक्ताओं का जोश देखने वाला थी। वे भी व्यवस्था बनाए रखने में पीछे नहीं रही। ह
हड़ताल जारी रहने के लिए अध्यक्ष ने भेजा मैसेज
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया कि महापंचायत में निर्णय लिया गया कि आमजन के हित में हड़ताल समाप्त की जाए मगर वकीलों का आंदोलन जारी रहेगा। इसके लिए प्रत्येक बुधवार को काम से विरत रह कर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही जिला जज के कोर्ट का बहिष्कार किया जाएगा और कार्य से रोजाना विरत रहेंगे। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद बार एसोसिएशन के सदस्य इससे सहमत नहीं थे। वे चाहते थे कि हड़ताल लगातार जारी रहे। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष होने के नाते मैं सदस्यों के साथ खड़ा हूं। बार का चुना हुआ सदस्य हूं।
वकीलों के हित में किसी हद तक जा सकता हूं : अध्यक्ष
वकीलों के हित में किसी हद तक जा सकता हूं। प्रस्ताव वापस लेता हूं। साथियों से क्षमा भी चाहता हूं और हड़ताल पहले की तरह जारी रहेगी । उन्होंने सभी अधिवक्ताओं के इस तरह का मैसेज भेजा है। इस बाबत बार अध्यक्ष दीपक शर्मा संमेत पदाधिकारियों ने फोन नहीं उठाए।इस बाबत कई अधिवक्ताओं कहना है कि उन्हें अध्यक्ष का मैसेज मिला है, कोर्ट जाने पर स्थित स्पष्ट होगी
अपनी पहले की मांगों पर हैं अडिग है आक्रोशित अधिवक्ता
महापंचायत में तय किया गया कि जब तक बार एसोसिएशन की मांगें नहीं मानी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। मांगों में जिला जज के स्थानांतरण के साथ निलंबन किए जाने, लाठी चार्ज का आदेश देने वाले पुलिस अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज होने, वकीलों पर की गई एफआईआर वापस लेने, घायल वक्ताओं को मुआवजा देने, मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की गई। महापंचायत में बरिष्ठ अधिवक्ताओं ने संबोधित भी किया।
बता दें कि गत 29 अक्तूबर को गाजियाबाद के जिला न्यायालय में जिला जज और वकीलों के बीच नोकझोंक हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने वकीलों पर लाठी चार्ज कर उन्हें तितर-बितर किया था। इस दौरान अधिवक्ताओं को चोटें भी लगी थी। साथ ही इस मामले में वकीलों के खिलाफ दो रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी, तभी से वकील हड़ताल पर हैं।