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विरोध दिवस के रूप में 21 नवंबर को आठ पूर्व सचिव बैठेंगे क्रमिक अनशन पर

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प्रदेश के सभी जिलों की तहसीलों मेंं रजिस्ट्री कार्य का बहिष्कार करने का आह्वान
मांगे नहीं माने जाने तक वकीलोंं की बेमियादी हड़ताल जारी रहेगी

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गाजियाबाद। गाजियाबाद जिला जज के कोर्ट रूम में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में मंगलवार को भी वकीलों की हड़ताल रही। वकीलों की हड़ताल मांगे नहीं माने जाने तक जारी रहेगी। बृहस्तपतिवार को बार एसोसिएशन के आठ पूर्व सचिव क्रमिक अनशन पर बैठेंगे। इनमें लाल बहादुर सिंह, लोकेश कुमार गर्ग, विनोद कुमार वर्मा, संतोष कुमार जाटव, सुंदर कुमार त्यागी, परविन्दर कु मार नागर, विश्वास त्यागी व विजय गौड़ क्रमिक अनशन पर रहेंगे।

बुधवार को बार कार्यकारिणी की अहम बैठक अध्यक्ष दीपक शर्मा के नेतृत्व में हुई और इसका संचालन बार सचिव अमित नेहरा ने किया। बैठक में आंदोलन को लेकर कई प्रस्तावों पर मुहर लगी। प्रस्ताव पारित किया गया कि 29 अक्तूबर को निहत्थे अधिवक्ताओं पर जिला जज के कोर्ट रूम में हुए लाठी चार्ज के विरोध में सभी जनपदों के अधिवक्ताओं अपने अपने जिलों में धरना प्रदर्शन करेेंगे। सभी जिलों में तहसील अधिवक्ता रजिस्ट्री कार्य से विरत रहेंगे। अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया कि आंदोलन के लिए आगे की रणनीति भी तय की जाएगी। कहा कि 29 नवंबर को हाईकोर्ट पर प्रदर्शन के लिए प्रदेश के सभी अधिवक्ता प्रयागराज में बार कौंसिल के कार्यालय पर सुबह दस बजे एकत्र होंगे। वहां से मार्च करते हुए हाईकोर्ट पहुंचेंगे और प्रदर्शन हाईकोर्ट के उच्च न्यायाधीश को ज्ञापन देंगे। इन सब काा नेतृत्व गाजियाबाद बार एसोसिएशन करेगी

कार्यकारिणी में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि जब तक बार एसोसिएशन की मांगें नहीं मानी जाती तब तक पूर्ण रूप से हड़ताल और कार्य से विरत रहेंगे।
मांगों में जिला जज के स्थानांतरण के साथ निलंबन किए जाने, लाठी चार्ज का आदेश देने वाले पुलिस अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज होने, वकीलों पर की गई एफआईआर वापस लेने, घायल वक्ताओं को मुआवजा देने, मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की गई।

बता दें कि गत 29 अक्तूबर को गाजियाबाद के जिला न्यायालय में जिला जज और वकीलों के बीच नोकझोंक हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने वकीलों पर लाठी चार्ज कर उन्हें तितर-बितर किया था। इस दौरान अधिवक्ताओं को चोटें भी लगी थी। साथ ही इस मामले में वकीलों के खिलाफ दो रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी, तभी से वकील हड़ताल पर हैं।

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