विरोध दिवस के रूप में प्रदेश के सभी अधिवक्ता उपचुनाव का करेंगे बहिष्कार

गाजियाबाद जिला जज के कोर्ट रूम में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में मंगलवार को पूर्व बार अध्यक्ष क्रमिक अनशन पर बैठे
प्रदेश के सभी जिलों की तहसीलों मेंं रजिस्ट्री कार्य का बहिष्कार करने का आह्वान
मांगे नहीं माने जाने तक वकीलोंं की बेमियादी हड़ताल जारी रहेगी
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गाजियाबाद। गाजियाबाद जिला जज के कोर्ट रूम में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में मंगलवार को भी वकीलों की हड़ताल रही। वकीलों की हड़ताल मांगे नहीं माने जाने तक जारी रहेगी। मंगलवार को बार एसोसिएशन के आठ पूर्व अध्यक्ष क्रमिक अनशन पर बैठे। इनमें राम अवतार गुप्ता, विजयपाल राठी, देवेंद्र शर्मा, सुनील दत्त त्यागी (भगत जी),राकेश त्यागी मकनपुर, राकेश त्यागी काकड़ा, अनिल पंडित व योगेंद्र कौशिक (राजू) क्रमिक अनशन पर सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक क्रमिक अनशन पर रहे।
सभी जनपदों के अधिवक्ताओं 20 नंबर को उपचुनाव का बहिष्कार करेंगे
बार कार्यकारिणी की अहम बैठक अध्यक्ष दीपक शर्मा के नेतृत्व में हुई और इसका संचालन बार सचिव अमित नेहरा ने किया। बैठक में आंदोलन को लेकर कई प्रस्तावों पर मुहर लगी। इसमें 16 नवंबर को हुए महासम्मेलन में शिरकत करने आए अलग अलग राज्यों के अधिवक्ता तथा उत्तर प्रदेश से 82 जिलों से आए अधिवक्ताओं का महासम्मेलन को सफल बनाने में योगदान के लिए आभार व्यक्त किया गया। यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि 29 अक्तूबर को निहत्थे अधिवक्ताओं पर जिला जज के कोर्ट रूम में हुए लाठी चार्ज के विरोध में सभी जनपदों के अधिवक्ताओं आज 20 नंबर को उपचुनाव का बहिष्कार करेंगे।
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सभी जिलों में तहसील अधिवक्ता रजिस्ट्री कार्य से विरत रहेंगे
यह भी अपील की गई कि सभी जिलों में तहसील अधिवक्ता रजिस्ट्री कार्य से विरत रहेंगे। अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया कि आंदोलन के लिए आगे की रणनीति भी तय की जाएगी। कहा कि 29 नवंबर को हाईकोर्ट पर प्रदर्शन के लिए प्रदेश के सभी अधिवक्ता प्रयागराज में बार कौंसिल के कार्यालय पर सुबह दस बजे एकत्र होंगे। वहां से मार्च करते हुए हाईकोर्ट पहुंचेंगे और प्रदर्शन हाईकोर्ट के उच्च न्यायाधीश को ज्ञापन देंगे। इन सब काा नेतृत्व गाजियाबाद बार एसोसिएशन करेगी
बार एसोसिएशन की मांगें नहीं मानी जाती तब तक पूर्ण रूप से हड़ताल
कार्यकारिणी में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि जब तक बार एसोसिएशन की मांगें नहीं मानी जाती तब तक पूर्ण रूप से हड़ताल और कार्य से विरत रहेंगे।
मांगों में जिला जज के स्थानांतरण के साथ निलंबन किए जाने, लाठी चार्ज का आदेश देने वाले पुलिस अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज होने, वकीलों पर की गई एफआईआर वापस लेने, घायल वक्ताओं को मुआवजा देने, मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की गई।
ये था मामला
बता दें कि गत 29 अक्तूबर को गाजियाबाद के जिला न्यायालय में जिला जज और वकीलों के बीच नोकझोंक हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने वकीलों पर लाठी चार्ज कर उन्हें तितर-बितर किया था। इस दौरान अधिवक्ताओं को चोटें भी लगी थी। साथ ही इस मामले में वकीलों के खिलाफ दो रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी, तभी से वकील हड़ताल पर हैं।
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