आक्रोशित वकीलों ने बार अध्यक्ष व सचिव का पुतला फूंका, आज 27 नवंबर को हड़ताल रखेंगे जारी

जिला जज की कोर्ट रूम में लाठीचार्ज के मामले में आंदोलन को समाप्त किए जाने को लेकर वकीलों में जबरदस्त आक्रोश
बार सभागार के बाहर बार कार्यकारिणी के खिलाफ हुई जमकर नारेबाजी, लामबंद हुए वकील
आज बुधवार को पुन: लगाएं टेंट-तंबू, कामकाज के बहिष्कार का ऐलान
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गाजियाबाद। गत 29 अक्तूबर को जिला जज के कोर्टरूम में नोक झोंक के बाद निहत्थे वकीलों पर लाठी चार्ज किए जाने को लेकर वकीलों की कलमबंद हड़ताल लगातार चली आ रही थी। 16 नवंबर को भी प्रदेशभर के वकीलोें का महासम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों के अधिवक्ताओं के अतिरिक्त प्रदेशभर के वकीलों की जमावड़ा लगा था। हरियाणा व पंजाब से वकील आए और वकीलों के आंदोलन को समर्थन देते हुए मांगे नहीं माने जाने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया।
वकीलों की मांगों में जिला जज का स्थानांतरण करने, वकीलों के खिलाफ मुकदमें वापस लेने, घायल अधिवक्ताओं को मुआवजा देने तथा मामले की उच्च स्तरीय जांच कराना आदि शामिल था। इसी को लेकर 14 नवंबर को एजे तथा 22 नवंबर को सीजे से बार प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए गया था। इसी के चलते करीब 26 दिन तक चले आंदोलन को बिना किसी नतीजे के यह कह कर समाप्त कर दिया गया कि वकीलों और वादकारियों के हित को देखते हुए तीन सप्ताह के लिए आंदोलन को स्थगित कर दिया गया। बार द्वारा सोेमवार को देरशा में जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि आंदोलन समाप्ति का निर्णय प्रदेशभर के समर्थित बार एसोसिएशनों से फोन पर बात कर लिया गया।
आंदोलन समाप्त किए जाने को लेकर वकीलों में बार कार्यकारिणी के खिलाफ मंगलवार सुबह जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला। वकीलों ने न्यायालय गेट पर ताला लगा दिया। एक अधिवक्ता के निधन के चलते कंडोलेंस जारी हुआ, जिसके चलते कामकाम से अधिवक्ता विरत रहे। सुबह से अधिवक्ता बार रूम के बाहर एकत्र हुए, आंदोलन समाप्ति को लेकर हंगामा किया। बार रूम के बाहर स्थापित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास खड़े होकर सभा की। वक्ताओं ने हड़ताल खत्म किए जाने को लेकर बार कार्यकारिणी में कई तरह के सवाल खड़े किए। इस दौरान एडवोकेट एवं पूर्व सचिव विश्वास त्यागी, वरिष्ठ अधिवक्ता, सतपाल यादव, राजेंद्र चौधरी, पूर्व ्अध्यक्ष योगेंद्र कौशिक, गौतम त्यागी, हरेंद्र गौतम, नितिन चंदेला सुनीता वर्मा समेत कई अधिवक्ताओं ने संबोधित किया। अधिवक्ताओं ने तालियां बजाकर समर्थन भी किया। बाद में नाराज वकील कोर्ट गेट के बाहर एकत्र हुए और बार अध्यक्ष दीपक शर्मा व सचिव अमित नेहरा का पूतला फंूंका। वकीलोें ने हड़ताल बगैर वकीलों को विश्वास में लिए समाप्त कर दी गई, आखिर वकीलों का क्या मिला? ऐलान किया गया कि वे हड़ताल को जारी रखेंगे। यह भी कहा गया कि बार प्रशासन के दबाव में है, इसी के चलते गुपचुप हड़ताल समाप्त करने का निर्णय ले लिया गया। इसी तरह 16 नवंबर को भी हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया गया मगर वकीलों की नाराजगी के बाद निर्णय वापस ले लिया गया।
एक आडियो क्लिप ने भी आग में घी का काम किया
सुबह से ही एक आॅडियो क्लिप वकीलों के व्हाट्सअप पर वायरल हो रही थी, जिसमें दो लोगों की वार्तालाप थी। कहा जा रहा है कि इनमें एक बार पदाधिकारी की आवाज लग रही थी। दूसरा शख्स कह रहा था कि हड़ताल किसके कहने पर समाप्त की गई। कितने पैसे में बिक गए हो। ये काला कोर्ट उतार दो, तुम दल्ले हो सिर्फ दलाल…इस वीडियो क्लिप की भी जोरदार चर्चा रही।
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