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-बार एसोसिएशन से नाराज वकीलों ने पुन: शुरू की बेमियादी हड़ताल

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जिला जज के कोर्ट रूम में लाठी चार्ज किए जाने के मामले में आंदोलन की कमान अब युवा वकीलों ने संभाली
मंगलवार शाम आमरण अनशन बैठे अधिवक्ता राकेश त्यागी का जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया गया
वकीलों ने अदालत परिसर में जमकर किया हंगामा, गेट बंद कर वादकारियों को अदालतों में जाने से रोका

 AVNEESH KASHYAP

गाजियाबाद। गत 29 अक्तूबर को जिला जज के कोर्टरूम में नोक झोंक के बाद निहत्थे वकीलों पर लाठी चार्ज किए जाने को लेकर 26 दिन से चल रही कलमबंद हड़ताल बगैर नतीजे अचानक समाप्त किए जाने को लेकर वकीलों में जबरदस्त आक्रोश है। मंगलवार को वकीलों ने बार एसोसिएशन के हड़ताल समाप्त किए जाने के निर्णय का जमकर विरोध करते हुए हंगामा किया। बार अध्यक्ष और सचिव पर गंभीर आरोप लगाए और आंंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया।

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इसी के चलते मंगलवार शाम अधिवक्ता राकेश त्यागी निवाड़ी आमरण अनशन पर बैठ गए। रात भर उनके साथ कुछ अधिवक्ता भी रहे। बुधवार सुबह वकीलों ने पुन: टेंट लगा कर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। मंच पर कई अधिवक्ता बैठे। दूसरी तरफ सैकड़ों युवा वकीलों ने कोर्टरूम को जाने वाले गेट बंद कर दिए। वादकारियों को कोर्ट में नहीं जाने दिया। वकीलोें का कहना है कि बार एसोसिएशन ने वकीलों को विश्वास में लिए बिना एकतरफा हड़ताल समाप्त करने की घोषणा कर दी। यही नहीं प्रदेशभर से महासम्मेलन में समर्थन देने आए बार एसोसिएशनों को भी गुमराह किया।

वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व अध्यक्ष सतपाल यादव, पूर्व सचिव विश्वास त्यागी व पूर्व सचिव नितिन यादव ने जूस पिलाकर राकेश त्यागी निवाड़ी का आमरण अनशन तुड़वाया। इसके साथ ही पुन: पूर्णरूप से कचहरी में बेमियादी हड़ताल की घोषणा कर दी। कहा गया कि ये वकीलों के मान-सम्मान का संघर्ष है और जब तक मांगे नहीं मानी जाएगी आंदोल यथावत जारी रहेगा। पूर्व सचिव विश्वाश त्यागी ने बताया कि आंदोलन सभी अधिवक्ता उनके साथ है।

ये हैं वकीलों की मांगे

वकीलों की मांगों में जिला जज का स्थानांतरण करने, वकीलों के खिलाफ मुकदमें वापस लेने, घायल अधिवक्ताओं को मुआवजा देने तथा मामले की उच्च स्तरीय जांच कराना आदि शामिल था।
बता दें कि 29 अक्तूबर को जिला जज से नोकझोंक के बाद वकीलों पर लाठीचार्ज किया गया था। इसके बाद से बार एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर बेमिय्दी स्ट्राइक शुरू कर दी थी।

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