Latest

कलमबंद हड़ताल रहेगी जारी, 29 नवंबर (आज) मानव श्रृंखला बना कर करेंगे विरोध

0
0
0

जिला जज के कोर्ट रूम में लाठी चार्ज किए जाने के मामले में आंदोलन की कमान अब फिर बार एसोसिएशन ने संभाली
आंदोलन को धार देने के लिए 51 अधिवक्ताओं की बनाई गई संघर्ष समिति, बनाएंगे रणनीति
बार एसोसिएशन ने कलमबंद हड़ताल को लेकर उठाए कई सख्त कदम

NEWS 1 UP

गाजियाबाद। गत 29 अक्तूबर को जिला जज के कोर्टरूम में नोक झोंक के बाद निहत्थे वकीलों पर लाठी चार्ज किए जाने को लेकर 26 दिन से चल रही कलमबंद हड़ताल बगैर नतीजे अचानक समाप्त किए जाने को लेकर वकीलों में जबरदस्त आक्रोश रहा। मंगलवार को वकीलों ने बार एसोसिएशन के हड़ताल समाप्त किए जाने के निर्णय का जमकर विरोध करते हुए हंगामा किया। इसी के चलते मंगलवार शाम अधिवक्ता राकेश त्यागी निवाड़ी आमरण अनशन पर बैठ गए। बुधवार सुबह वकीलों ने पुन: टेंट लगा कर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। मंच पर कई अधिवक्ता बैठे। दूसरी तरफ सैकड़ों युवा वकीलों ने कोर्टरूम को जाने वाले गेट बंद कर दिए। वादकारियों को कोर्ट में नहीं जाने दिया। वकीलोें का कहना है कि बार एसोसिएशन ने वकीलों को विश्वास में लिए बिना एकतरफा हड़ताल समाप्त करने की घोषणा कर दी। यही नहीं प्रदेशभर से महासम्मेलन में समर्थन देने आए बार एसोसिएशनों को भी गुमराह किया।

यह भी पढ़ें :-बार एसोसिएशन से नाराज युवा वकीलों ने संभाली पुन: आंदोलन की कमान

आज बृहस्पतिवार को बार एसोसिएसन ने हड़ताल समाप्त किए जाने का प्रस्ताव अपनी गलती मानते हुए वापस ले लिया और पुन: आंदोलन में सक्रिय हो गई। ्अपराहन बार रूम में आमसभा की मीटिंग बुलाई गई । इसकी अध्यक्षता बार अध्यक्ष दीपक शर्मा ने तथा संचालन सचिव अमित नेहरा ने किया। आमसभा में सभी अधिवक्ताओं ने वकीलों के सम्मान का संघर्ष बताते हुए कलमबंद हड़ताल जारी रखने का एकमत से समर्थन किया।
बार अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया कि आमसभा में तय किया गया कि जब तक निहत्थे वकीलों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किए जाने के मामले में जिला जज अनिल कु मार दशम का निलंबन अथवा ट्रांसफर करने, लाठीचार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों व पुलिसजनों पर एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही नहीं की जाती तब तक वकीलों की बेमियादी कमलबंद हड़ताल जारी रहेगी तथा सभी अधिवक्ता न्यायिक कार्य के विरत रहेंगे।

बार एसोसिएशन की आमसभा मे आंदोलन को लेकर कई प्रस्ताव हुए पारित

यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि 29 अक्तूबर से जारी हड़ताल तथा बार एसोसिएशन की प्रस्ताव का अवेहलना करता पाया गया कि उसे नोटिस जार कर पांच साल के लिए निलंबित किया जाएगा तथा चैंबर का अलाटमेंट रद करने की कार्यवाही की जाएगी। बार एसोसिएशन के प्रस्ताव का उल्लंघन करने वाले अधिवक्ता का सामूहिक रूप से पुतला फूंका जाएगा।
सर्वसम्मति से यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि निहत्थे अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज में घायल हुए वकीलों को मुआवजा दिलाने के लिए बार कौंसिल उप्र से मांग की जाएगी। यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि शुक्रवार 29 नवंबर को कोर्ट परिसर में मानव श्रृंख्रला बना कर अधिवक्ता विरोध प्रदर्शन करेंगे।

51 सदस्यीय संघर्ष समिति की तय करेगी रणनीति

यह भी प्रस्ताव पारिता किया गया कि आंदोलन को तीव्र गति देने के लिए 51 सदस्यीय संघर्ष समिति बनाई गई जो रोजाना आंदोलन की रूपरेखा बनाई गई है। इसमें सतपाल यादव, राजेंद्र चौधरी, अब्दुला, अजयवीर चौधरी, तेजराम यादव,
ओमवीर मलिक, विरेंद्र शिशौदिया, सुमित त्यागी कन्नौजा, वरण त्यागी बयाना, नितिन यादव, इस्तकबाल, विश्वास त्यागी, विजय गौड़, बिजेंद्र यादव, रवि किरण गौतम, परविंद नागर, गौतम त्यागी, ओमवीर सिंह रावल, योगेंद्र सिंघल, खुशनुमा परवीन, पूनम गुप्ता, सुनीता वर्मा, आदेश गर्ग, सुनील लाला प्रजापति, सारिका त्यागी, समीर नवाब, शैंकी बडगुर्जर, रोहित गोला, सचिन शर्मा, आमिर डबास, बृजेश यादव, बिजेंद्र शर्मा, संजय गांधी, धीरज शर्मा, ललित शर्मा, एस.पी. शर्मा, कपिल त्यागी, अनूप कुमार, पप्पी त्यागी, अमित राणा, राकेश त्यागी निवाड़ी, उमाकांत शर्मा, शाहनवाज चौहान, अखिल त्यागी, दिनेश राघव, किशोर, लक्ष्मण नरायण, सुमित देशबंधु, उमेश कसाना, किरन शर्मा को शामिल किया गया है।

बता दें कि 29 अक्तूबर को जिला जज से नोकझोंक के बाद वकीलों पर लाठीचार्ज किया गया था। इसके बाद से बार एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर बेमियादी स्ट्राइक शुरू कर दी थी।
———

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!