कविनगर थाने पर गिरफ्तारी देने गए सैकड़ों वकीलों को देख पुलिस के हाथपांव फूले
जिला जज के कोर्ट रूम में लाठी चार्ज किए जाने के मामले में वकीलों दोबारा एफआईआर करना बना टेढ़ी खीर
कचहरी से मानव श्रृंखला बना कर सैकड़ों की तादाद में जुलूस बना कर थाने पहुंचे वकील
वकीलों ने न्यायालय के मुख्यगेट पर ताला लगा कर वहां बनाया धरनास्थल
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गाजियाबाद। गत 29 अक्तूबर को जिला जज के कोर्ट रूम में नोक झोंक के बाद निहत्थे वकीलों पर लाठी चार्ज किए जाने को लेकर वकीलों अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल सोमवार को भी जारी रही। वकीलों में मानव श्रृंखला निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन कचहरी से शुरू होकर हापुड़ रोड होते हुए आईमएटी चौराहे से कविनगर की साइड लाइन होते हुए सांसद अतुल गर्ग के निवास के सामने से कविनगर थाने पहुंचा। वकीलों के हुजूम को देख कविनगर थाने का गेट बंद कर पुलिस ने बैरिकेड लगा दिए ताकि वकील थाने में ना जा सकें। यही नहीं आंदोलन को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया।
थाने के बाहर वकीलों ने की जमकर नारेबाजी और गिरफ्तार करने की मांग
थाने के बाहर वकीलों ने अपनी गिरफ्तारी देने के लिए जमकर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की मगर पुलिस ने गिरफ्तारी नहीं की। वकील अपनी आईडी भी लेकर गए थे। बाद में एसीपी अभिषक श्रीवास्तव ने यह कह कर गिरफ्तारी से इनकार कर दिया कि अभी मामले की जांच चल रही है। इसके बाद वकील कचहरी लौट आए और धरना दिया।
दोबारा एफआईआर ने किया आग में घी काम
चार दिन पहले जिस तरीके से दोबारा 38 वकीलों को नामजद तथा 80 अज्ञात अधिवक्ताओं के खिलाफ थाना कविनगर में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, इससे अधिवक्ताओं में जबरदस्त आक्रोश है। इस एफआईआर ने आग में घी का काम किया। प्रदर्शन करने गए वकीलों का कहना है कि अज्ञात हम सभी वकील शामिल हैं, लिहाजा उन्हें भी गिरफ्तार किया जाए। सोमवार को हुए इस बड़े आंदोलन को देखते हुए कई सीनियर अधिवक्ताओं ने इस लड़ाई के लंबे खिंचने की आशंका जताई है। आंदोलन के चलते जेल में निरूद्ध आरोपियों की जमानतें नहीं हो पा रही है। कोर्ट बंद होने के कारण लोेगोें कोर्ट में हाजिरी लगाए बगैर बैरंग लौटना पड़ रहा है। हजारों की तादाद में मामले पैंडिग चल रहे हैं। न्याय के लिए पीड़ितों को मायूसी हाथ लग रही है।
बार आंदोलन की बेमियादी हड़ताल रहेगी जारी
अपराह्न बार एसोसिएशन की मीटिंग में कई मुद्दे तय किए गए। बार अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया कि गठित आंदोलन संघर्ष समिति आंदोलन की रणनीति तय करेगी। इसके तहत मंगलवार को धरनास्थल पर चैंबर 501 से चैंबर 750 तक के वकील धरनास्थल पर रहेंगे तथा संघर्ष समिति के 11 सदस्य क्रमिक अनशन पर रहेंगे। बताया गया कि जब तक निहत्थे वकीलों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किए जाने के मामले में जिला जज अनिल कु मार दशम का निलंबन अथवा ट्रांसफर करने, लाठीचार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों व पुलिसजनों पर एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही नहीं की जाती तब तक वकीलों की बेमियादी कमलबंद हड़ताल जारी रहेगी तथा सभी अधिवक्ता न्यायिक कार्य के विरत रहेंगे। इसके अतिरिक्त पश्चिमी यूपी के 22 जिलों के बार एसोसिएशनों से भी शुक्रवार को अपने अपने जिलों में धरना प्रदर्शन करने का आह्वान किया गया।
बता दें कि 29 अक्तूबर को जिला जज से नोकझोंक के बाद वकीलों पर लाठीचार्ज किया गया था। इसके बाद से बार एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर बेमियादी स्ट्राइक शुरू कर दी थी।
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