न्याय के लिए भटक रहीं हैं यौन शोषण की शिकार 3 महिला सिपाही

आरोपी सिपाही के खिलाफ दर्ज एफआइआर में कुछ में लगा दी गई एफआर, कुछ की चल रही जांच
गाजियाबाद। पुलिस विभाग में एक बेहद सनसनीखेज मामला सामने आया है जहां तीन महिला सिपाहियों ने एक पुरुष सिपाही पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। इन तीनों ही महिलाओं ने इस सिपाही के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है मगर मजे वाली बात यह है की महिला न्याय की बात करने वाली पुलिस खुद अपने ही विभाग की महिलाओं को न्याय नहीं दिला पा रहा है। अब तक दर्ज हुई इन एफआईआर में ना तो किसी प्रकार की कोई कार्यवाही हुई है बल्कि कुछ मामलों में एफआर तक लगा दी गई है।
पूरे मामले की अगर बात करें तो गाजियाबाद के कई थानों में एसओजी में तैनात रह चुका पुरुष कांस्टेबल देवव्रत शर्मा इस समय गोरखपुर जीआरपी में तैनात बताया जा रहा है। उसके खिलाफ 3 महिला सिपाहियों ने एफआईआर कराई जिसमें उन्होंने देवव्रत के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया। इनमें से एक मुकदमा कुछ दिन पहले ही महिला थाने में दर्ज किया गया है। इन महिला सिपाहियों में से एक महिला सिपाही का कहना है कि देवव्रत एक शादीशुदा व्यक्ति था लेकिन उससे अनमैरिड बताकर मिला और जिसके बाद उसने उससे शादी की बात की लेकिन शादी नहीं की और शादी का झांसा देकर यौन संबंध बनाता रहा।
इतना ही नहीं जब उस महिला सिपाही को पता चला कि देवव्रत शादीशुदा है तो उसने उससे संबंध तोड़ लिए लेकिन देवव्रत लगातार उस महिला को परेशान करता रहा और उससे मारपीट करता रहा। इतना ही नहीं जब इस महिला सिपाही का रिश्ता तय हुआ तो उसने महिला सिपाही की निजी तस्वीरें उसके परिवार वालों को व जिस लड़के से उस महिला का रिश्ता होने वाला था उसे भेज दी।
इसके बाद उसका रिश्ता टूट गया। महिला सिपाही का आरोप है कि तीन बार देवव्रत ने इस तरह से फोटो भेज कर उसका रिश्ता तुड़वा दिया। जब इस मामले में उस सिपाही की शिकायत की गई तो आला अधिकारियों ने इस मामले में कोई भी गंभीरता नहीं दिखाई और कार्यवाही के लिए टालते रहे। यहां तक कि इस मामले से संबंधित फाइलें ही गायब करा दीं। ऐसा कोई अधिकारी नहीं था जिसके पास महिला सिपाही ने गुहार ना लगाई हो।
महिला सिपाही ने जब महिला आयोग का सहारा लिया तब जाकर उसकी एफआईआर दर्ज हुई। पीड़ित महिला सिपाहियों का कहना है कि देवव्रत के खिलाफ कई मुकदमों में पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की और उसमें एफआर लगा दी ।
इस मामले में जब पुलिस के अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना है कि देवव्रत के खिलाफ जो मामले दर्ज हैं, उनमें से कुछ मामलों में एफआर लग चुकी है जबकि अन्य मुकदमों की जांच की जा रही है। जांच के आधार पर जो भी कार्यवाही होगी, वह की जाएगी।