माधवी शंकर के गजल संग्रह ‘बाकी इश्क में सब अच्छा है’ का विमोचन

विमोचन समारोह में देश के नामचीन शायरों व गजलकारों ने की शिरकत
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गाजियाबाद। कविनगर स्थित एक होटल में शायरा माधवी शंकर के गजल संग्रह ‘बाकी इश्क में सब अच्छा है’ का विमोचन समारोह संपन्न हुआ। इस समारोह में विमोचन के साथ-साथ माधवी शंकर से गुफ़्तगू का भी सेशन था जिसमें उनकी शायरी पर बात की गई। इसके बाद फरहत एहसास साहब ने माधवी शंकर की किताब पर अपने विचार व्यक्त किए और उनकी किताब को एक बेहतरीन शायरी की किताब कहा। उनके कुछ शेर जैसे-‘बताओ दूसरी खामी तुम उसकी, मैं ये तो जानती हूँ बेवफा है, तुम्हें कुछ माधवी शंकर पता है, मुहब्बत जानलेवा सिलसिला है’ भी फरहत साहब ने पढ़े और उन पर बात की।
इसके बाद फरहत साहब की सदारत में एक काव्य गोष्ठी संपन्न हुई। सबसे पहले बरेली से आए अहमद अजीम ने अपना कलाम पेश किया। इसके बाद चराग शमार् (चंदौसी), आशू मिश्रा(बरेली), आयुष चराग(जबलपुर), इकरा अम्बर (गाजिÞयाबाद), विकास राना (हिमाचल),अमीर इमाम(सम्भल), विनीत आशना(चंदौसी), पूनम मीरा (गुड़गाँव), नीना सहर(गुड़गाँव), तरूणा मिश्रा(गाजिÞयाबाद), सोनरूपा विशाल(बदायूं), प्रवीण सक्सेना(दिल्ली) और आखिर मे ग्रेटर नोएडा से आए सद्र ए मोहतरम फरहत एहसास साहब ने अपने कलाम से नवाजा…‘बस अभी सूरज निकल आएगा उस दीवार का, जितने साए हैं पस ए दीवार पकड़े जाएंगे।’ और ‘शहर में दहशत मचा रक्खी है उसकी जुल्फ न, धीरे-धीरे सब सर ए बाजार पकड़े जाएंगे।’
विनीत आशना ने शेर पढ़ा, दुनिया को यार चाहिए याराना चाहिए, जो तेरे यार हैं उन्हें इतराना चाहिए। प्यार में आचमन नहीं होता.. सोनरूपा का बहुत खूबसूरत गीत और इनका क्या करूँ मैं,आयुष चराग का अद्भुत गीत रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ फरहत एहसास, डा. हरिशंकर शिरोमणी, प्रवीण सक्सेना, हिमांशु शंकर द्वारा दीप प्रज्जवलन से हुआ।