NDRF ने दस दिवसीय आपरेशन DOST से जीत लिया Turkey के लोगों का दिल
कमांडेट पीके तिवारी ने हिंडन एर्यपोर्ट पहुंची टीमों कां कियाजोरदार स्वागत
रिपोर्टः- कशवी
गाजियाबाद। operation dost के तहत तुर्की गयी एनडीआरएफ की टीमें करीब दस दिन का अभियान चलाकर वापस लौटना शुरू हो गयी हंै। आठवीं बटालियन व कोलकाता स्थित दूसरी बटालियन की टीमें शुक्रवार को हिंडन एयरपोर्ट पहुंची। यहां कमांडेट पीके तिवारी ने इनका जोरदार स्वागत किया। इसके बाद टीमें कमला नेहरू नगर स्थित आठवीं बटालियन पहुंची जहां जवानों ने टीमों का माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया। रेस्क्यू के दौरान जवानों के भावनात्मक अनुभव रहे हैं, जिन्हें देखकर या सुनकर जवानों की भी आंख नम हो गयी या फिर ये बात उनके जहन में काफी समय तक रहेगी। दूसरी बटालियन कोलकाता को लीड कर रहे डिप्टी कमांडेट वीएन पारासर ने बताया कि तुर्की साइट पर पहुंचकर उन्होंने टीम के साथ रेस्क्यू शुरू किया तो सबसे पहले उन्हें एक शव दिखाइ दिया, जिसे निकालने में एक गाड़ी की वजह से दिक्कत आ रही थी। इसके लिए उन्होंने वहा मौजूद लोगों से कहा कि मालिक से कहकर ये गाड़ी हटवा दीजिए, इससे सहूलियत हो जाएगी। इसपर लोगों ने कहा कि साहब, ये गाड़ी नहीं हट पाएगी मालिक परिवार समेत इस भूकंप में जमींदोज हो गया है। तुर्की के लोग जवानों को हिन्दुस्तानी या इंडियन नहीं बल्कि हिन्दुस्तान कहते थे।
-बच्चे से लिपटी हुई थी मां, शरीर पड़ गया था नीला
स्नाइफर रोमियो-जूलियट ने दो बच्चों की जान बचाई। इसके लिए सभी रेस्क्यू डॉग व उनके ट्रेनरों का भी जोरदार स्वागत किया। जूलियट के ट्रेनर कुंदन कुमार व रोमियो के ट्रेनर अभय कुमार ने बताया कि जो लाइव रेस्क्यू के दौरान पहले एक ने क्लू दिया फिर उसके बाद दूसरे ने कंफर्म किया। उन्होंने बताया कि इसके बाद हमें अधिकारियों को इसकी सूचना दी। इसके बाद रेस्क्यू कर उन्हें जिंदा बचाया गया। टीम को कमांड कर रहे अधिकारी ने बताया कि जब बच्ची को रेस्क्यू किया गया तो मां ने उसे अपने बाहों में भरा हुआ था वह खुद उसको ओट में लिए हुई थी। मां का पूरा शरीर नीला पड़ा था, इससे देखकर हम लोग भावुक हो गए थे।
-टीमें को वापस लौटते हुए देख भावुक हुए तुर्की के लोग
एनडीआरएफ के जवानों की मेहनत व कार्यशैली से तुर्की के लोग काफी प्रभावित हो गए। ऐसे समय में उन्होंने जवानों का काफी सम्मान किया। एनडीआरएफ की आठवी बटालियन को लीड कर रहे दीपक तलवार ने बताया कि जब वह लोग वहां से वापस लौट रहे थे। उसे क्षेत्र के कुछ लोगों के आंसूु निकल आए। वह उन्हें कुछ बोल भी रहे थे। हालांकि भाषाएं अलग होने के कारण कुछ समझ नही आ रहा था। लेकिन जिस तरह भावुक होकर वे बोल रही थीं, इससे लग रहा था की टीम के यहां से जाने का इन्हे दुख है।
-मॉल की एक दुकान में पहुंचे जवान तो गदगद हुए लोग
एनडीआरएफ के जवानों ने बताया कि तुर्की के लोगों से उन्हें भरपूर प्यार मिला। पूरे अभियान के दौरान वहा की संस्था एएफएडी ने उनका भरपूर सहयोग किया। इसके साथ ही अन्य सामाजिक संस्थाओं व सामाजिक लोगों ने साथ निभाया। जवानों ने बताया कि वापस लौटते समय उड़ान में समय था, इसलिए एयरपोर्ट के पास एक मॉल की दुकान में चले गए। यहा पर उन्हें देखते ही दुकान मालिक जवानों के सम्मान में खड़े हो गए। इतना ही नहीं, हर आइटम पर जवानों को स्पेशल डिस्काउंट आॅफर कर डाला। उन्होंने कहा कि अगर कुछ पसंद ना आए तो एक आइटम हमारी तरफ से रख लिजिए। इस पर जवान भावुक हो गए।
-एनडीआरएफ बैंड ने भी किया स्वागत
दोनों टीमें तुर्किये से लौटकर जैसे ही गाजियाबाद स्थित एनडीआरएफ पहुंची वहां पर एनडीआरएफ के बैंड ने उनका स्वागत किया। इसके साथ ही अन्य अधिकारियों ने भी फूल मालाओं से टीम के सदस्यों का स्वागत किया।
-83 शवों व दो बच्चियों को जिंदा निकाला
एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन के कमांडेंट पीके तिवारी ने बताया कि भारतीय बचाव दल के जवानों ने तुर्किये में वहां की सेना एवं बचाव दल अफाद के साथ मिलकर काम किया था। तीनों दलों ने कुल 34 स्थानों पर अभियान चलाया जिसमें 83 शव बरामद किये एवं दो व्यक्तियों को जिंदा बचाने में सफलता प्राप्त की। तुर्किये सेना ने भी एनडीआरएफ कर्मियों को विदा करते हुए खुशी का इजहार किया।
-तीन टीमों में महिला सैनिक समेत 103 जवान, 6 डॉग थे शामिल
एनडीआरएफ 8 वीं बटालियन के कमांडेट पीके तिवारी ने बताया कि तुर्किये में कुल तीन टीमों में 103 लोग और छह डॉग गये थे। इनमें से दो टीमें और सभी छह डॉग वापस आ चुके हैं। भारत ने शक्तिशाली भूकंप से प्रभावित तुर्किये को मानवीय सहायता प्रदान की थी। एनडीआरएफ जवान भारतीय वायु सेना के सी-17 विमान से राहत सामग्री लेकर तुर्किये के लिए रवाना हुए थे। इसमें विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वायॅड के साथ आवश्यक उपकरण, चिकित्सा आपूर्ति, ड्रिलिंग मशीन समेत अन्य जरुरी सामान शामिल थे।
ृृृ-एक सप्ताह क्वारंटीन रहेंगे वापस लौटे जवान
एनडीआरएफ के प्रवक्ता नरेश चौहान ने बताया कि जो भी जवान वापस लौट रहे हैं उनकी स्वास्थ्य जांच की जा रही है। इसके बाद वे एक सप्ताह तक क्वारंटीन रहेंगे। कोलकाता से गई टीम भी दोपहर 12 बजे हिंडन एयर बेस पर आ गई। कोलकाता के जवान भी एक सप्ताह एनडीआरएफ 8वीं बटालियन में रहेंगे, इसके बाद उन्हें कोलकाता भेजा जायेगा। वाराणसी से गई टीम शनिवार को हिंडन एयर बेस पर पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि सभी जवान एवं डॉग स्वस्थ है।
दस दिन के अंदर 34 वर्क साइटों को किया क्लीयर
एनडीआरएफ के जवानों ने विदेश में भी अपनी मेहनत का लोहामनवाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। जवानों को जो भी काम दिया गया उन्होंने बखूबी उसे पूरा किया। दस दिन के अंदर नूरदाग व हताय में जवानों ने कुल 34 साइटें क्लीयर की। इस दौरान उन्होंने इन साइटों के मलबे में दबे हुए सभी शवों को बाहर निकाला व दो बच्चियों को भी जिंदा रेस्क्यू किया।