23 नवंबर को क्रमिक अनशन पर बैठेंगी महिला अधिवक्ता
जिला जज के कोर्ट रूम लाठी चार्ज किए जाने के मामले में वकीलों में जबरदस्त आक्रोश, नित नई रणनीति की जा रही तय
मांगे नहीं मानें जाने तक वकीलोंं की बेमियादी हड़ताल जारी रहेगी
20 दिन से न्यायालय बंद होने के वादकारियों के बगैर तारीख ही लौटना पड़ रहा बैरंग
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गाजियाबाद। गाजियाबाद जिला जज के कोर्ट रूम में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में बृहस्पतिवार को वकीलों की पूर्ण हड़ताल रही। वकीलों ने ऐलान किया है जब तक मांगे नहीं मानी जाएगी, हड़ताल जारी रहेगी। बृहस्तपतिवार को बार एसोसिएशन के आठ पूर्व सचिव क्रमिक अनशन पर बैठे। शुक्रवार को पूर्व सचिवों में ठा. देवराज सिंह, मनमोहन शर्मा, नितिन यादव, नरेश चौधरी, मुकेश त्यागी दिन पर क्रमिक अनशन पर बैठे। आज शनिवार को महिला अधिवक्ता मोर्चा संभालेंगी।
इनमें वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा, शबनम खान, प्राची प्रियंका, श्रद्धा चौहान, सुनीता वर्मा, वंदना सैंगर, अर्चना त्यागी, खुशनुमा, हिमांशी सक्सेना, प्रीति,संगीता, अर्चना गौड़, पूनम गुप्ता आदि क्रमिक अनशन पर रहेंगी। धरने वर वक्ताओं ने आंदोलन को बरकरार रखने की वकालत तो की मगर चैंबर बंद करने व खाने पीने की दुकानें बंद करने के ऐलान से असहमति जताई। उनका कहना है कि चैंबर बंद रखने से दूरदराज से आने अधिवक्ता कोर्ट नहीं आते जिसके चलते आंदोलन स्थल पर वकीलों की संख्या काफी कम हो जाती है।
चैंबर व खान-पान की दुकानें बंद होने से अहसमत के अधिवक्ता
धरने को संबोधित कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ताओं का कहना था कि चैंबर बंद किए जाने से आंदोलन को रफ्तार नहीं मिलेगी। चैंबर बंद करने का निर्णय सही नहीं है। साथ ही खाने-पीने की दुकाने भी बंद नहीं रहनी चाहिए। इससे भी काफी दिक्कत होती है। कई अधिवक्ता लंच लेकर नहीं आते हैं और परेशानी होती है।
न्यायालय के कपाट हुए बंद, वादकारी हलकान
जिस दिन से वकीलों की हड़ताल हुई है, उसी दिन से न्यायालय में ताला लटक गया है। न्यायालय में किसी के भी आने-जाने की व्यवस्था नहीं है। गेट बंद होने से बादकारियों को तारीख तक नहीं मिल रही। यही नहीं दिल्लाी अथवा दूरदराज ने आने वाले फरियादियों को उस समय और भी मायूसी होती है जब कहचरी बंद मिलती है।
हाईकोर्ट ने वार्ता के लिए बुलाया
बृहस्तपतिवार को बार अध्यक्ष दीपक शर्मा और सचिव अमित नेहरा हाईकोर्ट गए थे। कहा जा रहा है कि हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने इस मसले के हल के लिए दोनों को वार्ता के लिए बुलाया है। धरने का संचालन मुकेश त्यागी ने किया। बैठक में आंदोलन को धार देने के लिए कई प्रस्तावों पर मुहर लगी। प्रस्ताव पारित किया गया कि 29 अक्तूबर को निहत्थे अधिवक्ताओं पर जिला जज के कोर्ट रूम में हुए लाठी चार्ज के विरोध में आज शुक्रवार को कलमबंद हड़ताल रहेगी और कार्य से विरत रहेंगे।
सभी जनपदों के अधिवक्ताओं अपील की गई कि वे अपने अपने जिलों में शुक्रवार को पूर्णरूप से कलमबंद हड़तालकर धरना प्रदर्शन करेेंगे। सभी जिलों में तहसील अधिवक्ता रजिस्ट्री कार्य से विरत रहेंगे। वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा. शबनम खान ने बताया कि जिला सीतापुर से बार पदाधिकारियों ने भी गाजियाबाद के वकीलों के आंदोलन का समर्थन किया है। इस संदर्भ में समर्थन पत्र भी दिया है. बताया गया कि सोशल मीडिया के माध्यम से अधिवक्ता, हाईकोई, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के अतिरिक्त राष्टÑपति को भी मैसेज करेंगे। बताया कि आंदोलन के लिए आगे की रणनीति भी तय की गई है। 29 अक्तूबर की घटना के परिपेक्ष्य में आंदोलन व बेमियादी हड़ताल की अग्रिम रूपरेखा तैयार करने के लिए एक समन्वय समिति का गठन किया गया है।
इनमें अधिवक्ता पूर्व अध्यक्ष रामअवतार गुप्ता,पूर्व अध्यक्ष विजयपाल सिंह राठी, पूर्व अध्यक्ष राकेश त्यागी काकड़ा, पूर्व अध्यक्ष अनिल पंडित, पूर्व अध्यक्ष मुनीश कुमार त्यागी, पूर्व सचिव अतुल्य शर्मा, पूर्व सचिव विजयपाल यादव, पूर्व सचिव विनोद कुमार वर्मा, पूर्व सचिव नरेश चौधरी व पूर्व सचिव सुंदर त्यागी, पूर्व सचिव परविन्दर नागर, औरंगजेब खान व पूर्व डीजीसी जयवीर सिंह शामिल हैं।
कार्यकारिणी में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि जब तक बार एसोसिएशन की मांगें नहीं मानी जाती तब तक पूर्ण रूप से हड़ताल और कार्य से विरत रहेंगे।
मांगों में जिला जज के स्थानांतरण के साथ निलंबन किए जाने, लाठी चार्ज का आदेश देने वाले पुलिस अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज होने, वकीलों पर की गई एफआईआर वापस लेने, घायल वक्ताओं को मुआवजा देने, मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की गई।
बता दें कि गत 29 अक्तूबर को गाजियाबाद के जिला न्यायालय में जिला जज और वकीलों के बीच नोकझोंक हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने वकीलों पर लाठी चार्ज कर उन्हें तितर-बितर किया था। इस दौरान अधिवक्ताओं को चोटें भी लगी थी। साथ ही इस मामले में वकीलों के खिलाफ दो रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी, तभी से वकील हड़ताल पर हैं।
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